Hindi, asked by aarushkumar8191, 1 year ago

चिंता तौ हरि नाँव की, और न चिंता दास।
। जे कछु चितवै राम बिन, सोई काल की पास॥​

Answers

Answered by mauryapriya221
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Answer:

कबीरदास कहते हैं कि मैं तो केवल हरि नाम का चिन्तन करता हूँ और किसी वस्तु का चिन्तन नहीं करता। जो लोग राम को छोड़कर और कुछ चिन्तन करते हैं, वे बन्धन और मृत्यु में फँसते हैं।

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Answered by harshgupta9520572406
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yeh kavirdas se liya h doha

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