चिंतन के क्षेत्र में जो अद्वैतवाद है वही भावना क्षेत्र में ------ है
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रहस्यवाद की परिभाषा इस प्रकार की हैं " चिंतन के क्षेत्र मे जो अद्वैतवाद है, भावना के क्षेत्र मे वही रहस्यवाद हैं।" महादेवी वर्मा के शब्दों मे " अपनी सीमा को असीम तत्व में खोजना ही रहस्यवाद है।"
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