Sociology, asked by kuldeepmeenabookna, 8 months ago

चिंतन के तीन स्तर को समझाए

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Answered by shishir303
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चिंतन के तीन इस प्रकार हैं...

  1. चिंतन के पहले स्तर में कुछ गलत होने का आभास होता है और किसी सोच या विचार पर सवालिया चिन्ह लगता है। इससे कार्य करने की स्थिति में भ्रम पैदा होता है और मानसिक द्वंद उत्पन्न होता है।  
  2. द्वितीय स्तर में समस्या का स्पष्टीकरण होता है और विश्लेषण और निरीक्षण के माध्यम से पर्याप्त तथ्य संग्रहित किए जाते हैं, जिससे समस्या का मूल कारण समझ में आता है।
  3. तीसरे स्तर में समस्या को स्पष्ट करने के बाद उसके समाधान के लिए परिकल्पना का निर्माण किया जाता है।

इसके अलावा चिंतन के दो और स्तर होते हैं...

  • चौथे स्तर में विवेचना और विश्लेषण द्वारा अलग-अलग परिकल्पनाओं के परिणाम को समझने का प्रयास किया जाता है और अंत में उस परिकल्पना को सबसे उपयुक्त माना जाता है जो परीक्षण करने लायक होती है।
  • पांचवां और अंतिम स्तर जांच का होता है। जब किसी परिकल्पना का निरीक्षण या प्रयोग द्वारा निर्धारण होता है, तब स्पष्ट समाधान प्राप्त करने की दिशा में बढ़ा जाता है।

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