चितवत चंद चकौरा के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते है pls dont give silly answers ill mark u brainliest if i get my ans correctly
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प्रस्तुत पंक्ति में कवि रैदास जी ने अपनी भक्ति का वण्रन किया है । उनके आनुसार, जिस तरह प्रकृति में बहुत सारी चीजें एक - दूसरे से जुड़ी रहती हैं, ठीक उसी तरह भक्त एवं भगवान भी एक - दूसरे से जुड़े हुऐ हैं । जब बरिश होने वाली होती है और चारों तरफ़ आकाश में बादल घिर जाते है, तो जंगल में उपस्थित मोर अपने पंख फैलाकर नाचे बिना नहीं रह सकता। ठीक उसी प्रकार, एक भक्त राम नाम लिए बिना नहीं रह सकता। hope it will help.
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