चाँद की पोशाक सुंदर क्यों दिखती है ?.
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प्रश्न: चाँद से गप्पें कौन लड़ा रहा है?
उत्तर: एक दस-ग्यारह साल की लड़की चाँद से गप्पें रही है।
प्रश्न: वह चाँद से क्या बातें कर रहीं है?
उत्तर: वह चाँद से उसके आकार-प्रकार और ऊसकी पोशाक के बारे में बातें कर रही है।
प्रश्न: वह चाँद के घटने-बढने का क्या कारण बताती है?
उत्तर: वह कहती है कि किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण घटता-बढ़ता है।
प्रश्न: चाँद की पोशाक के बारे में कविता में क्या कहा गया है?
उत्तर: चाँद ने पुरे आकाश को अपना पोशाक बना लिया है, जिसमें तारे जड़े हैं। इस पोशाक में चाँद इस तरह लिपटा हुआ है कि उसके बीच से केवल उनका गोल-मटोल चेहरा ही दिखाई देता है।
प्रश्न: लड़की खुद को बुद्धु समझने से क्यों मना करती है?
उत्तर: लड़की चाँद से कहती है कि उसे चाँद के घटने, बढने और तिरछे नजर आने का कारण पता है। इसलिए चाँद उसे वेवकूफ न समझे। वह जानती है कि चाँद किसी बीमारी से ग्रसित होने के कारण इस तरह घटता-बढ़ता रहता है। यह बीमारी लाइलाज है।
प्रश्न: कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?
उत्तर: कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की कहना चाहती है कि चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
प्रश्न: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?
उत्तर: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ कहकर लड़की कहना चाहती है कि उसे पता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो ठीक होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीमारी के कारण कभी वे घटते जाते हैं तो कभी बढ़ते-बढ़ते इतने बढ़ते है कि पूरे गोल हो जाते हैं।
प्रश्न: आशय बताओ: ‘यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में आता है।’
उत्तर: कवि प्रस्तुत पंक्ति द्वारा यह कहना चाहते है कि उसे पता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो ठीक होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीमारी के कारण कभी वे घटते जाते हैं तो कभी बढ़ते-बढ़ते इतने बढ़ते है कि पूरे गोल हो जाते हैं।
प्रश्न: कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ।
दिन कारण
पूर्णिमा ……
अष्टमी ……
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच …….
प्रथमा से अष्टमी के बीच …….
उत्तर:
‘गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा।’
अर्थात् चाँद की गोलाई थोड़ी तिरछी हैं यानि पूर्णिमा होने में एक या दो दिन बाकी है।
कवि की उपर्युक्त पंक्ति के आधार पर हम कह सकते है कि कवि ने चाँद से गप्पें अष्टमी के दिन लगाई होंगी।
प्रश्न: नई कविता में तुक या छंद की बजाय बिंब का प्रयोग अधिक होता है, बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तस्वीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कू ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
उत्तर:
गो – ल
ति – र – छे
बि – ल – कु – ल
प्रश्न: चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं। इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो -गुलाबी पगड़ी / मखमली घास / कीमती गहने / ठंडी रात / जंगली फूल / कश्मीरी भाषा
उत्तर:
विशेषण
प्रत्यय
एक और संज्ञा शब्द
गुलाबी
ई
गुलाबी साड़ी
मखमली
ई
मखमली कालीन
कीमती
ई
कीमती वस्त्र
ठंडी
ई
ठंडी बर्फ़
जंगली
ई
जंगली जानवर
कश्मीरी
ई
कश्मीरी पोशाक
प्रश्न: गोल-मटोल, गोरा-चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोडों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर:
मेल-जोल: हमें सबसे मेल-जोल बनाए रखना चाहिए।
अच्छा-बुरा: बच्चों को अपने अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता।
आज-कल: आज-कल महँगाई बढ़ गई है।
सुख-दुःख: सुख-दुःख जीवन के दो पहलू है।
प्रश्न: ‘बिलकुल गोल’ – कविता में इसके दो अर्थ हैं:
गोल आकार का
गायब होना!
ऐसे तीन शब्द सोचकर उनसे ऐसे वाक्य बनाओ कि शब्दों के दो-दो अर्थ निकलते हों।
उत्तर:
वर:
(i) लता के लिए एक सुयोग्य वर (दूल्हा) की तलाश है।
(ii) भगवान वरूण ने लकड़हारे को तीन वर (वरदान) माँगने के लिए कहा।
अर्थ:
(i) अर्थ (धन) प्राप्ति के लिए मेहनत करना जरूरी होता है।
(ii) काव्य पंकितयों का अर्थ (मतलब) स्पष्ट कीजिए।
कनक: