चांद से थोड़ी सी गप्पे शब्दार्थ please Don't spam anyone otherwise i will report his or her answer
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चाँद से थोड़ी-सी गप्पें' कविता 'शमशेर बहादुर सिंह' द्वारा लिखित है। इस कविता को कवि ने एक दस-ग्यारह साल एक लड़की के मन का वर्णन किया है। वह जिज्ञासु प्रवत्ति की होने का कारण चाँद से कई सवाल पूछना चाहती है और उनके बारे में अधिक जानना चाहती है। ... केवल चाँद का गोरा-चिट्टा गोल मुँह ही दिखाई देता है।
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please mark it brainliest answer sis
thank you
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