चांदनी रात कविता का रचना बोध
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Answer:
दिनों वे,
प्रलोभन कम हो जाएगा,
महिलाओं में …………।
पूरा दिन पहना,
अब भी बढ़ रहा है,
बहुत बारिश,
....்.... .............
रविवार .........
रात भर,
तुम रात को चमकते हो ..........
प्रकृति के अंधेरे में,
बिना पंख के ………
यह आकाश चंद्रमा ………।
दुनिया के शिखर को जीतो,
रात में, ऊंचाई के साथ,
जीना काफी है ………।
मिट्टी की गंध का एहसास,
मंत्र के मन को समझें,
क्या यह जमीन पर चालाक है ???? ………
रात को .......
बर्फ़बारी में,
जब तक आप गायब नहीं हो जाते,
क्या मन तुझे नहीं भूलेगा ………।
आप सारा दिन रगड़ते हैं,
चलते बादलों के बीच ………।
रात को .......
बिना सोए,
भोजन के बिना,
...........
फिर .........
दिन के दौरान ...........
कई रातें बीत जाती हैं,
इस में,
कई रिश्ते होते हैं,
आप अंधेरे में ………।
छुपा नहीं सकते .........
बाल कूप की एक संख्या के साथ,
कुछ समृद्ध मंद चेहरे के साथ,
सौंदर्य तुम ………
नष्ट नहीं कर सकते .........
एक ऐसी दुनिया में जो रंग से प्यार करती है ………।
......் ..........
पृथ्वी पर सब कुछ,
हालाँकि कई कवियों ने गाया ........
जैसा कि चंद्रमा आपको गाता है,
कवियों को राहत मिली ………।
पंखुड़ियों भरवां हैं,
कानों को भूल जाओ,
मैं केवल सांस लूंगा ........
एक युवा सजल की तरह ………
अपनी ठंडी हवा में सांस लें ........।