Political Science, asked by rajendersingh8309, 7 months ago

चौधरी साहब के व्यक्तित्व की विशेषताओं में क्या शामिल नहीं है​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

चौधरी चरण सिंह सिर्फ़ एक राजनीतिज्ञ, एक किसान नेता, एक पार्टी के अध्यक्ष और एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री का नाम ही नहीं था, चरण सिंह एक विचारधारा का भी नाम था.

चरण सिंह की राजनीति में कोई दुराव या कोई कपट नहीं था, बल्कि जो उन्हें अच्छा लगता था, उसे वो ताल ठोक कर अच्छा कहते थे, और जो उन्हें बुरा लगता था, उसे कहने में उन्होंने कोई गुरेज़ भी नहीं किया.

वरिष्ठ पत्रकार क़ुरबान अली जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को बहुत नज़दीक से देखा है, बताते हैं, ''उनका बहुत रौबीला व्यक्तित्व होता था, जिनके सामने लोगों की बोलने की हिम्मत नहीं पड़ती थी. उनके चेहरे पर हमेशा पुख़्तगी होती थी. हमेशा संजीदा गुफ़्तगू करते थे. बहुत कम मुस्कुराते थे. मैं समझता हूँ एकआध लोगों ने ही उन्हें कभी कहकहा लगाते हुए देखा होगा. वो उसूलों के पाबंद थे और बहुत साफ़-सुथरी राजनीति करते थे.''

वो बताते हैं, ''राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान वो महात्मा गाँधी और कांग्रेस की मिट्टी में तपे. 1937 से लेकर 1977 तक वो छपरौली - बागपत क्षेत्र से लगातार विधायक रहे. प्रधानमंत्री बनने के बावजूद मैंने कभी नहीं देखा कि उनके साथ किसी तरह का कोई लाव - लश्कर चलता हो.''

''वो मामूली सी एंबेसडर कार में चला करते थे. वो जहाज़ पर उड़ने के ख़िलाफ़ थे और प्रधानमंत्री होने के बावजूद लखनऊ ट्रेन से जाया करते थे. अगर घर में कोई अतिरिक्त बल्ब जला हुआ है तो वो डांटते थे कि इसे तुरंत बंद करो. मैं कहूंगा कि चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति के ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने न्यूनतम लिया और अधिकतम दिया.''

कोर्टपीस खेलने के शौकीन

चौधरी चरण सिंह से लोगों का रिश्ता दो तरह का हो सकता था - या तो आप उनसे नफ़रत कर सकते थे या असीम प्यार. बदले में आपको भी या तो बेहद ग़ुस्सा मिलता था या अगाध स्नेह. उनका व्यवहार कांच की तरह पारदर्शी और ठेठ देहाती बुज़ुर्गों जैसा हुआ करता था.

चौधरी चरण सिंह के नाती और चरण सिंह अभिलेखागार का काम देख रहे हर्ष सिंह लोहित चरण सिंह की शख़्सियत के कुछ दूसरे पहलुओं पर रोशनी डालते हुए कहते हैं, ''कम लोगों को मालूम होगा कि वो संत कबीर के बड़े अनुयायी थे. कबीर के कितने ही दोहे उन्हें याद थे. वो धोती और देसी लिबास पहनते थे और एक पुरानी 'एचएमटी' घड़ी बाँधते थे, वो भी उल्टी. वो सौ फ़ीसदी शाकाहारी थे. तंबाकू और सिगरेट के सेवन का कोई सवाल ही नहीं था.''

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