चिड़िया को लाख समझाओ
कि पिंजड़े के बाहर
धरती बड़ी है, निर्मम है,
वहाँ हवा में उसे
बाहर दाने का टोटा है
यहाँ चुग्गा मोटा है।
बाहर बहेलिए का डर है कंठ-स्वर है।
फिर भी चिड़िया मुक्ति का गाना गाएगी,
अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।
यूँ तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है,
पर पानी के लिए भटकना है,
यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है।
मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी
पिंजड़े से जितना अंग निकल सकेगा निकालेगी
चिड़िया को लाख समझाओ
कि पिंजड़े के बाहर
धरती बड़ी है, निर्मम है,
वहाँ हवा में उसे
बाहर दाने का टोटा है
यहाँ चुग्गा मोटा है।
बाहर बहेलिए का डर है कंठ-स्वर है।
फिर भी चिड़िया मुक्ति का गाना गाएगी,
अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।
यूँ तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है,
पर पानी के लिए भटकना है,
यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है।
मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी
पिंजड़े से जितना अंग निकल सकेगा निकालेगी,
हर सू जोर लगाएगी
और पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी।
(क) पिंजरे के बाहर का संसार निर्मम कैसे है ?
(ख) पिंजरे के भीतर चिड़िया को क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
(ग) कवि चिड़िया को स्वतंत्र जगत की किन वास्तविकताओं से अवगत करवाना चाहता है ?
(घ) बाहर सुखों का अभाव और प्राणों का संकट होने पर भी चिड़िया मुक्ति ही क्यों चाहती है ?
(ङ) कविता का संदेश स्पष्ट कीजिए |
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Answer:
K answer ata hai right hai
(क) पिंजरे के बाहर का संसार निर्मम कैसे है ?
उत्तर : कवि के अनुसार जीरे के बाहर का संसार इसलिए निर्मम है क्योंकि पिंजरे के बाहर चिड़िया के लिए दाने का टोटा यानी दाने का अभाव है।
(ख) पिंजरे के भीतर चिड़िया को क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
उत्तर : पिंजरे के भीतर चिड़िया को मोटा चुग्गा मिलता है यानी उसे खाने के लिए पर्याप्त खाने को मिलता है और ना उसे बहेलिये द्वारा पकड़े जाने का डर भी नहीं है। वह मुक्त होकर गाना गा सकती है ।
(ग) कवि चिड़िया को स्वतंत्र जगत की किन वास्तविकताओं से अवगत करवाना चाहता है ?
उत्तर : कवि स्वतंत्र जगत की वास्तविकता से अवगत कराना चाहता है कि बाहर के स्वतंत्र जगत में चिड़िया को हराने के लिए जगह-जगह भटकना पड़ सकता है। उसे हर समय बहेलिए द्वारा पकड़े जाने का डर हो सकता है। वह मुक्त होकर गाना नहीं गा सकती नहीं तो बहेलिया उसे पहचान लेगा और उसे पकड़ने के लिए जाल बिछा देगा। उसके प्राणों पर उसमें संकट रहेगाष उसे पानी के लिए भटकना पड़ेगाष
(घ) बाहर सुखों का अभाव और प्राणों का संकट होने पर भी चिड़िया मुक्ति ही क्यों चाहती है ?
उत्तर : बाहर सुखों का अभाव और प्राणों का संकट होने पर भी चिड़िया मुक्ति इसलिए चाहती है क्योंकि उसे अपनी आजादी चाहिए। उसे पिंजरे के अंदर के सुख नहीं बल्कि स्वतंत्रता भरा संघर्ष ज्यादा प्यारा है।
(ङ) कविता का संदेश स्पष्ट कीजिए |
उत्तर : कविता का संदेश यह है कि स्वतंत्रता अधिक महत्वपूर्ण है, सुख सुविधा नहीं। दासता वाली सुख सुविधा से संघर्ष वाली स्वतंत्रता अधिक मूल्यवान है।
#SPJ2
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