चाय बागान के किस दृश्य को देखकर
लेखिका खुशी से चीख पड़ी
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लेखिका जब चाय के बागान में पहुंची तो ढलते सूरज की रोशनी में लेखिका ने देखा कि चाय के बागान में कई युवतियां एक सिक्किमी परिधान पहने हुए चाय की पत्तियां तोड़ रही थीं। वह सिक्किमी परिधान बोकू था। उन युवतियों के सुंदर चेहरे पर श्रम की आभा चमक रही थी। एक युवती ने तो चटक गहरे लाल रंग का बोकू पहन रखा था। गहरी हरियाली के बीच लाल चटक रंग का बोकू पहने वह युवती और उस डूबते सूरज की स्वर्णिम आभा ऐसी इंद्रधनुषी छटा बिखेकर अद्भुत दृश्य पेश कर रही थी कि लेखिका मंत्र-मुग्ध होकर चीख पड़ी। इतनी अद्भुत और अप्रतिम सौंदर्य लेखिका से सहा नही गया।
व्याख्या :
‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ में लेकर का मधु कांकरिया सिक्किम की यात्रा करती हैं। जहां पर उनके लिए गाइड का काम जितेन नागथोर्पे नामक युवक करता है। जितेन लेखिका को सिक्किम की अनेक विशेषताओं के बारे में बताता है।
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