Hindi, asked by trisha181716, 9 months ago

CAA एवं उसका प्रभाव
Write an essay on the above topic in about 300-350 words

Answers

Answered by preetykumar6666
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सीएए और इसके प्रभाव:

भाजपा सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को राष्ट्रव्यापी विद्रोह द्वारा चुनौती दी गई है। जनता द्वारा उठाए गए सवाल इनकार, विक्षेपण और भ्रामक बयानों से मिलते हैं। सरकार अधिनियम का बचाव करती है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय नागरिकों (NRC) के राष्ट्रीय रजिस्टर को लागू करने की कोई योजना नहीं है और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और CAA का NRC से कोई लेना-देना नहीं है। हालाँकि, नागरिकता अधिनियम और नागरिकता नियमों के एक सावधानीपूर्वक पढ़ने से सच्चाई का पता चलता है।

सरकार का कहना है कि सीएए शरणार्थियों को सताया जाना है। वर्तमान भारतीय राष्ट्रीयता कानून जो जन्म, वंश, आवेदन (पंजीकरण) और प्राकृतिककरण के आधार पर नागरिकता को विनियमित करते हैं, वे संभावनाओं के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए पर्याप्त हैं। उत्पीड़ित शरणार्थियों के लिए तर्क को शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए मौजूदा कानूनों में उचित संशोधन के माध्यम से प्रावधान करके निपटा जा सकता है, उन्हें कानूनी स्थिति प्रदान करने और भारतीय नागरिकता में उनके प्रवेश पर तेजी से नज़र रखने के लिए उन्हें इसके लिए आवेदन करना चाहिए। इसके लिए एक अलग भेदभावपूर्ण कानून की आवश्यकता नहीं है

Hope it helped.....

Answered by jayathakur3939
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CAA का पूरा नाम Citizenship Amendment Act हैं।

इसे हिंदी में नागरिकता संशोधन अधिनियम कहाँ जाता हैं। Citizenship Act, 1955 के नियमों में बदलाव करने के कारण इसमें संशोधन शब्द का प्रयोग किया गया हैं।

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 में 1950 के बाद कौन कौन भारतीय नागरिक बन सकता इसका सम्पूर्ण व्यख्या दिया हुआ हैं। समय समय में इस व्याख्या में बदलाव अर्थात संशोधन होते आए हैं। अनुच्छेद 11 के तहत संसद को यह अधिकार है की वह नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के साथ ही नागरिकता से जुड़े सभी विषयों के सम्बन्ध में नए नए कानून बना सकती हैं। इसी के आधार परनागरिकता संशोधन अधिनियम , 1955 को बनाया गया था और अनुच्छेद 11 के तहत ही इस नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1955 को 9 बार संशोधन भी किया गया हैं। यह 9 संशोधन नीचे दिए गए हैं,

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1957

निरस्त (Repealing) एवं संशोधन अधिनियम, 1960

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1985

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1986

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 1992

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2003

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2005

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2015

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019

सीएए का भारतीय नागरिकों पर क्या प्रभाव होगा?

नागरिकता (संशोधन) कानून का भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है | भारतीय नागरिकों को संविधान में जो मूल अधिकार मिले हैं, उस पर कोई खतरा नहीं है |

नागरिकता (संशोधन) कानून या अन्य कोई भी चीज उनसे इन्हें वापस नहीं ले सकती | यह एक तरह का दुष्प्रचार चल रहा है | नागरिकता (संशोधन) कानून मुसलमानों या किसी भी अन्य जाति के भारतीय नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं डालता |

नागरिकता (संशोधन) कानून किस व्यक्ति पर लागू होगा?

सीएए या नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा | यह कानून इन तीनों देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है | इसके अलावा इन तीन देशों से भारत आए मुस्लिमों या फिर अन्य विदेशी नागरिकों के लिए यह कानून नहीं है |

पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिम भारत की नागरिकता कभी नहीं ले सकेंगे?

नागरिकता कानून के सेक्शन 6 में किसी भी विदेशी व्यक्ति के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का प्रावधान है | इसके साथ ही कानून के सेक्शन 5 के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है | ये दोनों प्रावधान पहले की तरह मौजूद हैं|

पिछले कुछ साल में इन तीनों देशों से आने वाले सैकड़ों मुसलमानों को इन्हीं प्रावधानों के तहत भारत की नागरिकता दी गई है|

क्‍या नागरिकता (संशोधन) कानून धीरे-धीरे भारतीय मुस्लिमों की भारत की नागरिकता खत्म कर देगा? नागरिकता (संशोधन) कानून किसी भी भारतीय नागरिक पर लागू नहीं होगा | सभी भारतीय नागरिकों को संविधान के तहत अधिकार मिला हुआ है | सीएए का मतलब किसी भी भारतीय को नागरिकता से वंचित करना नहीं है | इसकी बजाय सीएए एक विशेष कानून है जो तीन पड़ोसी देशों के धार्मिक रूप से उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों को भारतीय नागरिकता देगा |

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