चक्षुश्रवा का क्या अर्थ है? लेखक ने स्वयं को चक्षुश्रवा क्यों कहा ?
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पाठ का नाम- स्मृति (पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य)
चक्षु श्रवा का अर्थ होता है -आंखों से देखने वाला l सांप को चक्षु श्रवा कहा जाता है l लेखक ने स्वयं को चक्षु श्रवा इसलिए कहा है क्योंकि वह उस समय अपनी पूरी शक्ति आंखों को देकर सांप की प्रत्येक हरकत पर पैनी नजर रखे हुए था।
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दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
चक्षु श्रवा का अर्थ है पैनी दृष्टि से देखने वाला।
सांप को चक्षु श्रवा कहा जाता है।
लेखक ने स्वयं को चक्षु श्रवा कहा क्योंकि लेखक पैनी नजर से सांप पर दृष्टि टिकाए हुए था व उसकी प्रत्येक हरकत पर नजर रखे हुए था।
- " स्मृति " पाठ में लेखक ने अपनी बचपन की यादों का वर्णन किया है।
- लेखक कहता है कि बचपन में बच्चे अल्हड़ होते है, व तरह तरह की शरारतें करते रहते है।
- इसी प्रकार लेखक व उनके छोटे भाई से शरारत करते हुए कुएं में चिट्ठी गिर गई , वह चिट्ठी बहुत जरूरी थी इसलिए वह चिट्ठी कुएं से निकालना आवश्यक था।
- कुएं में चिट्ठी के आस पास एक सांप फन फैलाए बैठा था, लेखक बड़े ध्यान से सांप पर नजर रखे हुए था व बड़ी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए डंडे की सहायता से कुएं से चिट्ठी निकाली।
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