Hindi, asked by ksarun4872, 1 day ago

चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए |घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी ।तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे,वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।(i) कवि किस पकार सदैव आगे बढ़ने का आह्वान कर रहा है?(क) हँसी-खुशी से (ख) संकट टालते हुएग) बाधाओं को लाँघते हुए​

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Answered by harshsingh92929
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Explanation:

गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने क्या कर दिया है?

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