Hindi, asked by kunwarsatyendraxingh, 9 months ago

चली फगुनाहट बौरे आम कविता का भावार्थ लिखिए।​

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Answered by parveensalma156
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Answer:

चली फगुनाहट बोरे आम कविता का भावार्थ लिखिए

बिना किसी के भय के जैसे बेकारी - बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे से भी नही डरी। भावार्थ:- सारांश - वंसत ऋतु में फाल्गुन माह के प्रभाव के विषय में प्रस्तुत निंबंध लिखा गया है। मौसम के प्रभाव से वृद्ध लेाग भी युवाओं की भाँति व्यवहार करने लगते है।

Explanation:

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