Hindi, asked by gaganacn111, 2 months ago

चलना मनुष्य का स्वभाव है। पानी भी चलता है, हवा भी चलती है,समय भी चलता है,और

मनुष्य भी चलता है। प्राचीन समय में एक स्थान से दसू रे स्थान पर पहुुँचने के ललए मनुष्य

मीलों पैदल यात्रा करता था। कई बार यात्रा इतनी लंबी हो जाती थी कक वर्षें लग जाते थे।

कई बार थो मागग में यात्री बीमार होकर मर भी जाते थे। किर पालककयों का प्रयोग ककया

जाने लगा। इन्हें चार लोग उठाते थे,मगर रास्ते में चलते-चलते थके लोगों की जगह लेने के

ललए आठ या बारह लोग साथ में चलते थे। पालककयों का प्रयोग अधिकतर स्त्स्त्रयों के ललए

ककया जाता था। पहहये के आववष्कार ने मनुष्य का जीवन ही बदल हदया। इसके आववष्कार

से सवगप्रथम बैलगाड़ी बनी,स्त्जसके द्वारा यात्रा सुगम व सस्ती होने लगी। िीरे-िीरे इसी पहहये

से मशीन से चलने वाली मोटर गाड़ड़याुँ सड़कों पर दौड़ने लगीं।

प्रश्न:-

क.प्राचीन समय में मनुष्य कैसे यात्रा करता था?

ख. पालककयों का प्रयोग ककनके ललए ककया जाता था?

ग. पालकी ककतने लोग उठाते थे?

घ. पहहये के आववष्कार के बाद यातयात के कोस सािन का ननमागण हुआ?

च. मनुष्य के स्वभाव में क्या है?
answer plz fast

Answers

Answered by mausmiSingh
2

Answer:

1) payedal

2) bimaaro ke liye

3) chaar

4) I don't know

5) Chlana

Answered by gaganacn3
0

Answer:

i don't know the answer

Explanation:

i don't know the answer

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