चलत्येकेन पादेन तिष्ठत्येकेन बुद्धिमान्।
नासमीक्ष्य परं स्थानं पूर्वमायतनं त्यजेत्।।
Answers
Answered by
2
चलत्येकेन पादेन तिष्ठत्येकेन बुद्धिमान्।
नासमीक्ष्य परं स्थानं पूर्वमायतनं त्यजेत्।।
अर्थात जिस तरह मनुष्य आगे बढ़ने के लिए एक पैर से चलता है और अपने एक पैर को स्थिर रखता है, यानि जब तक मनुष्य अपने पहले पैर को आगे भूमि पर स्थिर नहीं रख लेता तब तक दूसरा पैर नहीं उठाता है, उसी तरह जब तक हमें अपने योग्य कोई सही स्थिति प्राप्त नहीं हो जाए तब तक अपनी पहले वाले स्थिति को नहीं छोड़ना चाहिए।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Similar questions