Hindi, asked by singhkaran898889, 1 year ago

- चमळ दुखाट र बच्चों के मो.
उपकार​

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Answered by gauravsingh1sep
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एक कहानी : उपकार

एक जंगल में शेर और शेरनी अपने बच्चों को अकेला छोड़कर शिकार के लिये दूर तक चले गये...!

देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे उसी समय एक गाय आई उसे दया आई और उन बच्चों को अपना दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे खेलने लगे........ तभी शेर और शेरनी आ गये, गाय को देख गुर्राए....... हमला करते उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम भूख से मर जाते...!

ये सुन कर शेर और शेरनी बहुत खुश हुए और कृतज्ञता के भाव से बोले हम दोनों पति पत्नी तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे जाओ आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो आनंद करो...!

अब गाय जंगल में निर्भय होकर रहने लगी........यह दृश्य एक हंस ने देखा तो हैरानी से गाय से पूछा तब उसे गाय ने बताया कि उपकार का कितना महत्व है...!

हंस ने सोचा चलो मैं भी किसी पर उपकार करके देखता हूँ.......उसने सोचा कि चलो मैं भी देखूं की उपकार का फल कैसा होता है...?

एक दिन हंस ने देखा चूहों के छोटे छोटे बच्चे एक दलदल मे फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर हर कोशिश बेकार.....हंस ने उनको पकड़ पकड़ कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब हंस ने अपने पंखों में छुपाया, शरीर की गर्मी से बच्चों को बेहद राहत मिली, कुछ समय बाद हंस उड़कर जाने लगा तो हैरान हो उठा.....क्योंकि चूहों के बच्चों ने उतने ही समय मे हंस के पंख कुतर डाले थे...!

हंस ने यह घटना गाय को सुनाया और बोला माता तुमने भी उपकार किया और मैंने भी.......फिर यह फल अलग अलग क्यों...?

पहले तो गाय हंसी लेकिन फिर गंभीरता से कहा........हे राजहंस जी उपकार भी शेर जैसो पर ही किया जाना चाहिए चूहों पर नही...!

चूहे और कायर हमेशा आपके पंख ही कुतरेंगे...... ये सब उपकार को स्मरण नही रखते.......बल्कि तुरन्त ही भूल जाते हैं.......ये तो अहसान और उपकार को भूलना अपनी बहादुरी समझते है इनकी फितरत ही अहसान फरामोशी वाली होती है......जबकि शेर जैसे बहादुर लोग उपकार कभी नही भूलते...!

अब ये आप और हम जैसे राजहंसों पर निर्भर करता है कि हम किस पर उपकार कर रहे हैं, हम किसे बचा रहे हैं, हम किसको दूध पिला रहे हैं.....शेर के बच्चों को या चूहों के बच्चो को...?

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