Hindi, asked by GuptaAarushi, 1 year ago

can anyone answer this please. It should be of 5 marks.
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Answers

Answered by Ashq
4
Hey, ✋ there your answer is ______,

⏩ The answer has been attached in the above attachment...!




✔ Hope it may helps u...!!! ☺
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GuptaAarushi: but I liked her answer
GuptaAarushi: and it's my wish
GuptaAarushi: OK sorry
GuptaAarushi: I misunderstood u
GuptaAarushi: ok
Ashq: thank u ...!! ☺
GuptaAarushi: pls answer my next question also
Answered by Anonymous
6

Hi,


१. स्मित हास्यसहित हाथ जोडकर नमस्कार कर अतिथियों का स्वागत करें ।


२. उनके हाथ में कोई झोला, अटैची इ. हो, तो उसे विनम्रतापूर्वक उठाकर उचित स्थानपर रखें ।


३. उन्हें आसंदी (कुर्सी) अथवा सुखासन (सोफा) दिखाकर बैठने की विनती करें ।


४. तत्पश्चात, पीने के लिए पानी दें ।


५. उनके बैठनेपर ही बच्चों को बैठना चाहिए । ऐसा करने से उनके प्रति आदरभाव व्यक्त होता है ।


६. स्मितहास्य करते हुए प्रेम एवं अपनत्व के भाव से उनका कुशल-मंगल पूछें ।


७. माता-पिता यदि उनके लिए चाय, कॉफी अथवा कोई शीत पेय बनाने के लिए कहें, तो वह तुरंत बनाएं । यह आदर-सत्कार का ही अंग है ।


८. माता-पिता अतिथियों से बात कर रहे हों, तो बीच में न बोलें ।


९. अतिथि जाने के लिए खडे हों, तो बच्चे भी खडे हो जाएं ।


१०. उन्हें विदा करते समय उनके साथ कुछ दूरतक जाएं ।


इस प्रकार अतिथी में देवता का रूप देखकर उनका आवभगत / अदरातिथ्य करें । अतिथीयों का अदरातिथ्य करते समय उनके अंदर होनेवाले भगवान के लिएही सब करते है, ऐसा भाव रखकर सभ कृतीयां करें । इससे हमें उनके अंदर होनेवाले भगवान के अशीर्वाद मिलते हैं । हिंदु संस्कृति में बताया गया ‘अतिथी देवो भव ।’ इस शिक्षा का आचरण करे आनंद प्राप्त करना ।




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