Can anyone answer this question. This is very important
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वर्तमान में दिन-प्रतिदिन आधुनिकता बढ़ती जा रही है। और इसका विशेष प्रभाव पड़ रहा है हमारे खान-पान, रहन-सहन और पहनावे पर। इस आधार पर मैंने बहुत लोगों से बातचीत की। कुछ ने इसके पक्ष में व कुछ ने इसके विपक्ष में अपने विचार रखे अर्थात् कुछ इस बदलाव को सही कहते हैं और कुछ सही नहीं मानते।
लेकिन मैंने सभी के विचारों से यह निष्कर्ष निकाला कि बदलाव भी जीवन का एक विशेष पहलू है। कुछ बड़े-बुजुर्ग आधुनिकता को जल्दी से अपना लेते हैं; रूढ़िवादी विचारों को त्यागने या उनमें बदलाव लाने में वे संकोच नहीं करते। ऐस लोग युवाओं के भी प्रिय हो जाते हैं व समया नुसार उनका मार्ग-दर्शन भी कर सकते हैं लेकिन दूसरी ओर वे बड़े-बुजुर्ग भी हैं जिन्हें समाज में होता बदलाव अच्छा नहीं लगता। वे अपने प्राचीन विचारों के साथ ही जीना चाहते हैं। एेसे में उनका बात-बात पर नवीन वर्ग के विचारों के साथ मतभेद होता है। ऐसा होने पर बच्चे भी उन्हें उतना सम्मान नहीं दे पाते जितना उन्हें देना चाहिए।