can anyone explain what is the meaning of duvidha Hath Sahas
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Bhav spashta kijiye ::DUVIDHA HAT SAHAS HAI.,DIKHTA HAI PANTH NHI ,..... DEH SIKHI HAI PAR MANN KE DUKHON KA ANT NHI
दुविधा हत साहस का अर्थ :
यह पंक्ति छाया मत छूना कविता से ली गई है | यह कविता गिरिजाकुमार माथुर द्वारा लिखी गई है| कवि गिरिजाकुमार माथुर जी ने हमें यह संदेश देने की कोशिश की है कि हमें अपने अतीत को याद नहीं करना चाहिए , अर्थात व्यक्ति को अपने अतीत की यादों में डूबे न रहकर, अपनी वर्तमान स्थिति का डट कर सामना करना चाहिए और अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहिए।
दुविधा हत साहस का अर्थ है , साहस होते हुए भी दुविधा ग्रस्त रहना |
कई बार ऐसा होता है कि साहस होते हुए भी मनुष्य डर जाता है वह अपनी हिम्मत खो देता है| कई बार आपका शरीर तो स्वस्थ रहता है लेकिन मन के अंदर हजारों दुख भरे होते हैं। कई लोग छोटी या बड़ी बातों पर दुखी हो जाते हैं। अतीत को छोड़कर हमें अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए और एक सुनहरे भविष्य के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।