can anyone give me a summary of the poem बीच by sumitranandan pant.
Answers
ok
Explanation:
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Answer:
प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग -1‘ से ली गयी है। इसके कवि हैं सुमित्रानंदन पंत। यह एक प्रगतिशील दौर की कविता है। इस कविता में कवि ने विकास के विरोधाभास पर प्रहार किया है।
समाज में किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है और यह बात कवि को बहुत आहत करती है। वह उनके शोषण को देख कर बहुत दुःखी हैं और युगों से किसानों की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है इससे कवि को बहुत पीड़ा होती है।
भारत के स्वाधीन होने के बाद भी किसानों की सामाजिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। उनको ध्यान में रखते हुए कोई भी उचित निर्णय नहीं लिया गया है।भारत एक कृषि प्रधान देश होने के बाद भी किसानों की स्थिति समाज में शोषित वर्ग के रूप में जानी जाती है।
इस कविता में कवि ने किसानों के व्यक्तिगत एवं पारिवारिक समस्याओं को उजागर किया है। कवि ने बहुत ही व्यापक रूप से समाज में व्याप्त वर्ग व्यवस्था को दर्शाया है।
उन्होंने बताया है कि किस प्रकार समाज आर्थिक स्तर पर उच्च वर्ग , मध्यम वर्ग , निम्न वर्ग में बंटा हुआ है। जाति के आधार पर बंटा हुआ है। वर्गीय चेतना अभी भी व्याप्त है और समाज विभिन्न वर्गों में बंटा हुआ है।