can anyone give me summary og poem AGNIPATH
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“अग्निपथ” कविता के रचियता डॉ. ‘हरिवंश राय बच्चन’ हैं। इस कविता के माध्यम से कवि ने हमें जीवन में आने वाले संघर्षों से जूझने की प्रेरणा दी है।
कवि बच्चन जी कहते हैं कि संघर्ष जीवन का ही दूसरा नाम है और हमें इन संघर्षों से कभी भी घबराना नहीं चाहिए, बल्कि दृढ़ता पूर्वक हर संघर्ष का सामना करना चाहिए। जीवन एक संघर्ष का नाम है, और जीवन की राह अग्निपथ अर्थात आग से भरे रास्ते के समान है। हमें इस आग के रास्ते पर चलकर ही अपने लक्ष्यों को पाना है। हमें अपनी कर्मठता का परिचय देते हुए निरंतर कर्म करते रहना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।
हमारे जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां आए उनका समाधान हमें स्वयं अपने प्रयासों से करना चाहिए। हमें कभी भी किसी से सहायता की आस नहीं रखनी चाहिए। किसी के ऊपर निर्भर रहने से किसी की सहायता मांगने से हमारी आत्मशक्ति और आत्मबल कमजोर होता है। जबकि यदि हम स्वयं सारी समस्याओं से लड़ेंगे और संघर्षों का मुकाबला करेंगे तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा। हमें अपने कर्म करने की राह में रुकना नही है, कभी भी थकना नही है, न कभी पीछे मुड़कर देखना है, बस हमें निरंतर आगे चलते रहना है।