Chemistry, asked by perfectartist977, 1 year ago

can anyone give points on this in hindi plzzzzz
NO STUPID ANSWERS , IF U DON'T KNOW DON'T ANSWER !!!

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Answered by SanaRocks
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मिट्टी के तीनों ही पॉट को गर्दन तक जमीन में गाड़ दिया जाता है। फिर इसमें माध्यम के साथ पानी भर दिया जाता है। स्पाइरुलिना कल्चर के लिए बायो गैस माध्यम सबसे सस्ता पोषक माध्यम है।शुद्ध स्पाइरुलिना की कुछ मात्रा माध्यम में डाल दी जाती है। (प्रारंभिक अवस्था में, फौरन मिश्रण के लिए घोल-भंडार के रुप में पोषक माध्यम उत्पादक को उपलब्ध कराया जाना होगा।)माध्यम को दिन में 3 से 4 बार हिलाया जाना होगा क्योंकि स्थिर अवस्था में स्पाइरुलिना वृद्धि नहीं करेगा।चूंकि स्पाइरुलिना को बढ़ने में 3-4 दिन लग जाते हैं इसलिए पॉट पर सूर्य की रोशनी अवश्य पड़नी चाहिए।वयस्क स्पाइरुलिना (जब पीला माध्यम गहरे हरें रंग में बदल जाए) कपड़े में छान कर सरलता से प्राप्त किया जा सकते हैं।स्पाइरुलिना को स्वच्छ पानी में धोने के बाद (चिपके हुए रासायनिक पदार्थों को हटाने के लिए) इसे सीधे ही चपाती/गूथे हुए आटा, चटनी, नूडल्स, डाइस, सब्जियां आदि के साथ (2% भार के अनुपात में) मिश्रित किया जा सकता है। इसे छांव में सुखा कर इसे संरक्षित किया जा सकता है। इसकी गुणवत्ता और इसके मूल्य के संरक्षण के लिए इसे तुरंत सूखा दिया जाना चाहिए।
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