Hindi, asked by KaraMishra, 1 year ago

can anyone send me poems of meera bai on krishna in hindi

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Answered by drmalik021
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नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो॥

थांरा देसा में राणा साध नहीं छै, लोग बसे सब कूड़ो।

गहणा गांठी राणा हम सब त्यागा, त्याग्यो कररो चूड़ो॥

काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो है बांधन जूड़ो।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर बर पायो छै रूड़ो॥


हरि तुम हरो जन की भीर।

द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढायो चीर॥

भक्त कारण रूप नरहरि, धरयो आप शरीर।

हिरणकश्यपु मार दीन्हों, धरयो नाहिंन धीर॥

बूडते गजराज राखे, कियो बाहर नीर।

दासि ‘मीरा लाल गिरिधर, दु:ख जहाँ तहँ पीर॥


नैना निपट बंकट छबि अटके।

देखत रूप मदनमोहन को, पियत पियूख न मटके।

बारिज भवाँ अलक टेढी मनौ, अति सुगंध रस अटके॥

टेढी कटि, टेढी कर मुरली, टेढी पाग लट लटके।

‘मीरा प्रभु के रूप लुभानी, गिरिधर नागर नट के॥


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