can anyone solve this question please
Answers
Explanation:
किसी भी व्यवस्था में यदि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का रोग लग जाए तो वह न तो स्वस्थ रह सकती है और न ही सुचारु तरीके से कार्य कर सकती है। दुर्भाग्यवश पंजाब के सरकारी महकमे भी कुछ हद तक इसी रोग से पीड़ित दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि गत दिवस प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में एक के बाद एक कई रिश्वतखोर विजिलेंस की गिरफ्त में फंसते दिखे। मोहाली में जहां पंजाब एग्रो का मैनेजर रिश्वत लेते धरा गया, वहीं विजिलेंस टीम ने मो¨रडा के पटवारी को भी 20 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। जालंधर में डीआरओ का रीडर और फगवाड़ा के थाना सदर में तैनात सब इंस्पेक्टर को भी गत दिवस रिश्वत लेते हुए दबोचा गया। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ भी इस रोग से अछूती नहीं दिखी और क्राइम ब्रांच में तैनात सब इंस्पेक्टर तथा एसडीएम साउथ के आफिस परिसर में क्लर्क रिश्वत लेते हुए सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते के हत्थे चढ़ गए। ये घटनाएं चिंतित करने वाली हैं, क्योंकि इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश के सरकारी महकमे का शायद ही कोई ऐसा अंग हो जो रिश्वतखोरी के रोग से पीड़ित न हो। आम जनता को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ ही रहे हैं, कहीं न कहीं सरकार को भी इससे नुकसान झेलना पड़ता है। रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के कारण ही कई बार सरकार की अच्छी और जनोपयोगी योजनाओं का लाभ भी आम जनता को नहीं मिल पाता। रिश्वतखोरी, लालफीताशाही और भ्रष्टाचार के कारण ही निवेशक प्रदेश में निवेश करने से कतराते हैं और अंतत: इससे प्रदेश के विकास की गति पर भी असर पड़ता है। इतने नुकसान को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि यदि इस रोग से मुक्ति मिल जाए तो प्रदेश का उद्धार हो जाएगा। विजिलेंस ब्यूरो जैसी संस्थाएं इसके इलाज में लगी भी हैं, लेकिन बीमारी इस कदर अपनी जड़ें जमा चुकी है कि बिना सामाजिक सहभागिता व सरकार के दृढ़निश्चय के इससे उबर पाना कठिन प्रतीत होता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार के खिलाफ और सख्त कदम उठाएगी। आम जनता को भी रिश्वत देकर काम कराने की मनोवृत्ति से उबरना होगा, तभी इस रोग का कारगर इलाज संभव है।
Answer:
mughe n 1 tortoise mila abhi me abhi shopping karne ja thi thi to ye dekho