can anyone tell me the summary of daadi maa lesson in class 7 NCERT lesson 2
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दादी माँ' पाठ लेखक और उसकी दादी माँ के बीच घनिष्ट आत्मीय संबंध की कहानी है। लेखक की दादी माँ ममता, स्नेह, दया, की मूर्ति थी। लेखक की यह कहानी उनकी दादी माँ के प्रेम और सम्पर्ण को समर्पित है। दादी माँ लेखक के परिवार के हर कठिन दौर में उनके साथ छाया के समान रहती थीं। उन्होंने कठिन समय में बहुत धैर्य के साथ परिस्थिति को संभाला था। उनकी ममता की छाया के नीचे लेखक को कभी दुख का अनुभव नहीं हुआ था। वह कितना बीमार रहता परन्तु दादी माँ उसके साथ रहती और उसकी देखभाल करती थी। दादी माँ का प्रेमिल और स्नेही स्पर्श लेखक को आराम देता था। उसकी दादी माँ आज उसके साथ नहीं थी परन्तु उनकी यादें लेखक के साथ हमेशा रहतीं हैं। दादी माँ की मृत्यु के बाद भी वह दादी माँ को कभी भुला नहीं पाया था। शिवप्रसाद सिंह ने इस कहानी के माध्यम से बड़ों के महत्व को उजागर किया है।
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दादी माँ' पाठ लेखक और उसकी दादी माँ के बीच घनिष्ट आत्मीय संबंध की कहानी है। लेखक की दादी माँ ममता, स्नेह, दया, की मूर्ति थी। लेखक की यह कहानी उनकी दादी माँ के प्रेम और सम्पर्ण को समर्पित है। दादी माँ लेखक के परिवार के हर कठिन दौर में उनके साथ छाया के समान रहती थीं। उन्होंने कठिन समय में बहुत धैर्य के साथ परिस्थिति को संभाला था। उनकी ममता की छाया के नीचे लेखक को कभी दुख का अनुभव नहीं हुआ था। वह कितना बीमार रहता परन्तु दादी माँ उसके साथ रहती और उसकी देखभाल करती थी। दादी माँ का प्रेमिल और स्नेही स्पर्श लेखक को आराम देता था। उसकी दादी माँ आज उसके साथ नहीं थी परन्तु उनकी यादें लेखक के साथ हमेशा रहतीं हैं। दादी माँ की मृत्यु के बाद भी वह दादी माँ को कभी भुला नहीं पाया था। शिवप्रसाद सिंह ने इस कहानी के माध्यम से बड़ों के महत्व को उजागर किया है।
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