Hindi, asked by coc367io, 1 year ago

can anyone tell summary of story kabuliwala in hindi

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Answered by vaibhav20041
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प्रस्तुत कहानी 'काबुलीवाला' रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है। यह कहानी काबुलीवाले और छोटी बच्ची मिनी के आसपास घूमती है। काबुलीवाला एक पठान है और मिनी एक हिन्दू परिवार से संबंधित है। दोनों के मध्य उत्पन्न स्नेह में धर्म की दीवार का नामोनिशान नहीं है। काबुलीवाला मिनी से ही अपनी पुत्री के स्नेह की पूर्ति करता है। मिनी के लिए वह एक ऐसा मित्र है, जो उसकी सारी बातों को सहर्षता से सुनता है। दोनों के बीच एक अदृश्य घनिष्ट संबंध है। एक अपराधवश काबुलीवाले को जेल जाना पड़ता है। जब वह लंबी सज़ा भुगत कर लौटता है, तो मिनी बड़ी हो चुकी होती है। काबुलीवाले के लिए वह वही छोटी मिनी है परन्तु मिनी के मस्तिष्क से उसका नाम तक मिट जाता है। काबुलीवाले के लिए यह स्थिति दुखदायी है। टैगोर जी ने दोनों के हृदय को बहुत सुंदर रुप में अभिव्यक्त किया है। यह कहानी अपने में अनेक संदेश लिए हुए है। यह कहानी प्रेम और भाईचारे के संदेश को प्रसारित करती है। धर्म के नाम पर चिल्लाने वालों का यहाँ नाम तक नहीं है। टैगोर जी का लेखन कौशल इस कहानी में चरमौत्कर्ष पर है। एक छोटी कहानी में जीवन के विविध पड़ावों को दिखाना सरल नहीं होता। यह कहानी मन के किसी कोने में अपनी गहरी छाप छोड़ देती है।
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