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दूरदर्शन के लाभ- दूरदर्शन के बहुत लाभ हैं। इससे हम घर बैठे बैठे देश विदेश के समाचार सुन सकते हैं और समाचार सुनाने वाले को प्रत्यक्ष देख भी सकते हैं। विश्व के चाहे किसी भी कोने में कोई मैच हो रहा हो, उसे भी हम घर में बैठे बैठे ज्यों का त्यों देख सकते हैं।
दूरदर्शन मनोरंजन का साधन- दूरदर्शन पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम दिखाई जाते हैं। दूरदर्शन पर नाटक दिखाए जाते हैं, पिक्चर दिखाई जाती हैं और कई सीरियल दिखाए जाते हैं। इनसे लोगों का बहुत मनोरंजन होता है। दफतर से आकर जब घर में दूरदर्शन को चलाते हैं तो अपने मनपसंद कार्यक्रम देखकर सारे दिन की थकान दूर हो जाती है। अब हमें पिक्चर के लिए सिनेमाघर जाने की जरूरत नहीं।
शिक्षा का साधन- दूरदर्शन मनोरंजन के साथ शिक्षा का भी बहुत अच्छा साधन है। भारत में कई करोड़ व्यक्ति निरक्षर है। उन्हें साक्षर करने के लिए दूरदर्शन का प्रयोग बहुत उपयोगी और लाभदायक होगा।
समाज सुधार का माध्यम- हमारे समाज में मद्यपान, बाल विवाह, आदि अनेक कुरीतियाँ फैली हुई हैं। दूरदर्शन पर ऐसे कार्यक्रम पेश करने चाहिएँ जिनसे इन कुरीतियों के दुष्परिणामों का पता चले। ऐसे कार्यक्रम देखने वालों के हदय पर प्रभाव डालते हैं। इनसे धीरे धीरे सामाजिक कुरीतियाँ दूर होती हैं।
दूरदर्शन से हानियाँ- दूरदर्शन से लाभ तो अनेक हैं। उनमें से कुछ लाभ हम ने ऊपर वर्णित किए हैं। पर इससे हानियाँ भी कम नहीं हैं। आज हमारे समाज मे लूट-मार, हत्या, डकैती की अनेक घटनाएँ हो रही हैं। हर रोज समाचार पत्र में इस प्रकार के समाचार पढ़ने को मिलते हैं। इन घटनाओं के लिए कुछ सीमा तक दूरदर्शन जिम्मेदार है। जब दर्शक इन घटनाओं को घटित होता हुआ दूरदर्शन पर देखता है तो वह इन्हें स्वयं करने का प्रयत्न करता है। एक बार तो वह केवल मनोरंजन के लिए करता है पर धीरे धीरे वह उन्हें अपना लेता है। इससे समाज तथा दर्शक दोनों को हानि होती है।
बहुत से लोग तो टी.वी. इतना अधिक देखते हैं कि उसके लिए अपने आवश्यक कार्य भी छोड़ देते हैं। काम न करने से भी हानि होती है।
उपसंहार- सच्चाई तो यह है कि कोई भी वस्तु ऐसी नहीं जिसमें गुण ही गुण हों, दोष न हो। अमृत का प्रयोग भी यदि सीमा से अधिक किया जाए तो वह हानिकारक सिद्ध होगा। अत दूरदर्शन का प्रयोग भी इस ढंग से किया जाना चाहिए जिससे वह लाभदायक सिद्ध हो हानिकारक नहीं।
दूरदर्शन मनोरंजन का साधन- दूरदर्शन पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम दिखाई जाते हैं। दूरदर्शन पर नाटक दिखाए जाते हैं, पिक्चर दिखाई जाती हैं और कई सीरियल दिखाए जाते हैं। इनसे लोगों का बहुत मनोरंजन होता है। दफतर से आकर जब घर में दूरदर्शन को चलाते हैं तो अपने मनपसंद कार्यक्रम देखकर सारे दिन की थकान दूर हो जाती है। अब हमें पिक्चर के लिए सिनेमाघर जाने की जरूरत नहीं।
शिक्षा का साधन- दूरदर्शन मनोरंजन के साथ शिक्षा का भी बहुत अच्छा साधन है। भारत में कई करोड़ व्यक्ति निरक्षर है। उन्हें साक्षर करने के लिए दूरदर्शन का प्रयोग बहुत उपयोगी और लाभदायक होगा।
समाज सुधार का माध्यम- हमारे समाज में मद्यपान, बाल विवाह, आदि अनेक कुरीतियाँ फैली हुई हैं। दूरदर्शन पर ऐसे कार्यक्रम पेश करने चाहिएँ जिनसे इन कुरीतियों के दुष्परिणामों का पता चले। ऐसे कार्यक्रम देखने वालों के हदय पर प्रभाव डालते हैं। इनसे धीरे धीरे सामाजिक कुरीतियाँ दूर होती हैं।
दूरदर्शन से हानियाँ- दूरदर्शन से लाभ तो अनेक हैं। उनमें से कुछ लाभ हम ने ऊपर वर्णित किए हैं। पर इससे हानियाँ भी कम नहीं हैं। आज हमारे समाज मे लूट-मार, हत्या, डकैती की अनेक घटनाएँ हो रही हैं। हर रोज समाचार पत्र में इस प्रकार के समाचार पढ़ने को मिलते हैं। इन घटनाओं के लिए कुछ सीमा तक दूरदर्शन जिम्मेदार है। जब दर्शक इन घटनाओं को घटित होता हुआ दूरदर्शन पर देखता है तो वह इन्हें स्वयं करने का प्रयत्न करता है। एक बार तो वह केवल मनोरंजन के लिए करता है पर धीरे धीरे वह उन्हें अपना लेता है। इससे समाज तथा दर्शक दोनों को हानि होती है।
बहुत से लोग तो टी.वी. इतना अधिक देखते हैं कि उसके लिए अपने आवश्यक कार्य भी छोड़ देते हैं। काम न करने से भी हानि होती है।
उपसंहार- सच्चाई तो यह है कि कोई भी वस्तु ऐसी नहीं जिसमें गुण ही गुण हों, दोष न हो। अमृत का प्रयोग भी यदि सीमा से अधिक किया जाए तो वह हानिकारक सिद्ध होगा। अत दूरदर्शन का प्रयोग भी इस ढंग से किया जाना चाहिए जिससे वह लाभदायक सिद्ध हो हानिकारक नहीं।
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