can some explain the meaning of this poem
टूट रहे थे जब सारे हौसले,
तब मां ने गले लगाया और
दिया थोड़ा बहुत विश्वास|
दर्द भरी वह जिंदगी थी
हर मोड़ पर मुझे कोशिश करनी थी
हर रास्ते पर मुझे अकेला चलना था क्योंकि अकेली ही जिंदगी मुझे काटनी थी|
ना किसी का कोई विश्वास न किसी का कोई एहसास था
मुझे मुझ पर ही विश्वास था |
कल क्या होगा मैंने कभी सोचा नहीं था
राहों पर चलते-चलते चुनौतियों से बिडते -बिडतेमुझे हर राह पर
कुछ सीखने को मिला था|
बस सीखते सीखते मुझे कुछ बनना था
मुझे बस मेरे माता-पिता का नाम ही तो रोशन करना था|
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sau baat ki ek baat
mata pita se badhkar koi bhagwan ya insan nahi
aadityabhukar81:
full explanation
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Jiwan me sang harsh karna
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