Hindi, asked by inayat6365, 10 months ago

Can someone give me 4 examples of vatsalya ras and 4 examples of Bhakti ras in Hindi please.​

Answers

Answered by Takshi2005
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HI MATE,

HERE IS YOUR ANSWER,

  1. वात्सल्य रस की परिभाषा

वात्सल्य रस का स्थायी भाव वात्सल्यता (अनुराग) होता है। इस रस में बड़ों का बच्चों के प्रति प्रेम,माता का पुत्र के प्रति प्रेम, बड़े भाई का छोटे भाई के प्रति प्रेम,गुरुओं का शिष्य के प्रति प्रेम आदि का भाव स्नेह कहलाता है यही स्नेह का भाव परिपुष्ट होकर वात्सल्य रस कहलाता है। वात्सल्य नामक स्थाई भाव की विभावादि के संयोग से वात्सल्य रस के परिणत  होता है।

वात्सल्य रस का उदाहरण

  • जसोदा हरि पालनैं झुलावै।

हलरावै, दुलरावै मल्हावै, जोइ सोइ, कछु गावै।

  • सन्देश देवकी सों कहिए,

हौं तो धाम तिहारे सुत कि कृपा करत ही रहियो।  

  • तुक तौ टेव जानि तिहि है हौ तऊ, मोहि कहि आवै

प्रात उठत मेरे लाल लडैतहि माखन रोटी भावै।  

  • बाल दसा सुख निरखि जसोदा, पुनि पुनि नन्द बुलवाति

अंचरा-तर लै ढ़ाकी सूर, प्रभु कौ दूध पियावति

2.BHAKTI RAS इसका स्थायी भाव देव रति है इस रस में ईश्वर कि अनुरक्ति और अनुराग का वर्णन होता है अर्थात इस रस में ईश्वर के प्रति प्रेम का वर्णन किया जाता है

  • अँसुवन जल सिंची-सिंची प्रेम-बेलि बोई

मीरा की लगन लागी, होनी हो सो होई

  • उलट नाम जपत जग जाना

वल्मीक भए ब्रह्म समाना

  • एक भरोसो एक बल, एक आस विश्वास

एक राम घनश्याम हित, चातक तुलसीदास

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