can someone help me with fox and goat story in hindi? It should be short...around 6-10 sentences.
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Explanation:
एक जंगल में एक लोमड़ी और बकरी रहते थे, एक बार की बात है, लोमड़ी भोजन की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था, और वह भटक कर जाते-जाते रेगिस्तान में पहुंच गया गर्मी भी बहुत थी और धूप भी बहुत था, वह चलते-चलते उसे प्यास लग गई, वह पानी की तलाश में घूमता रहा।
और फिर इतने में उसे एक कुआं दिखा, कुआं बहुत गहरा था, लेकिन लोमड़ी को बहुत जोर से प्याज भी लगी थी, वह वह पानी निकालने का तरकीब सोची रहा था, कि उसका पैर फिसला और वह कुएं में गिर गया।
और फिर वह कुएं में गिर कर वहां का पानी पिया और कहता है, कि इसका पानी तो बहुत ही ठंडा और मीठा है, इसने तो मेरी प्यास ही बुझा दी।
फिर सोचता है, कि मेरा प्यार तो बुझ गया लेकिन, अब मैं इस से बाहर कैसे निकलू, इसके लिए मुझे कोई ना कोई तरकीब ढूंढनी ही होगी, नहीं तो नहीं पर मर जाऊंगा और फिर चिल्लाने लगा बचाओ, बचाओ।
वहीं से एक बकरी भी गुजर रही थी ,वह कोई से आवाज आती देख कुआँ की ओर बढ़ गई और फिर कुएं में देखती है, कि कुएं में तो लोमड़ी गिरा हुआ है।
फिर चालाक लोमड़ी चालाकी करता है, और बकरी से कहता है, कि बकरी बाहर का मौसम बहुत ही गर्म है और कुएं में बहुत ही ठंडा है और इसका पानी भी शीतल और ठंडा है, तुम भी यहां आ जाओ।
बकरी बिना कुछ सोचे समझे कुएं में कूद जाती है, और फिर कुएं में कूदकर पानी पीती है, और कहती है कि हां लोमड़ी भाई तुमने सही कहा इसका पानी बहुत ही अच्छा और ठंडा है, लेकिन हम लोग यहां से बाहर कैसे निकले?
फिर लोमड़ी कहता है, कि तुम कोई की दीवार के पास खड़े रहो मैं उसमें से कूदकर बाहर निकल जाऊंगा और फिर बकरी खड़ा खड़ी हो जाती है, और लोमड़ी वहां से बाहर निकल जाता है।
तब बकरी कहती है, कि लोमड़ी भाई अब तुम तो बाहर निकल गए पर अब मुझे बाहर कौन निकालेगा। फिर लोमड़ी कहता है, कि मैं तो अपने बाहर निकालने के लिए तरक्कीब बनाया था, अब अपना तुम जानो।
कहानी से शिक्षा :-
तो बच्चों आज की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि किसी भी काम को करने से पहले उसके परिणाम के बारे में हमें अवश्य एक बार सोच लेना चाहिए, नहीं तो उसका परिणाम हमें ही भोगना पड़ता है।