Hindi, asked by SeemaMishra7975, 7 months ago

Can someone provide me शब्दार्थ of chapter hum panchi unmukt gaya ke

Answers

Answered by jayathakur3939
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शब्दार्थ :-

उन्मुक्त   = बंधन रहित  

गगन      = आसमान  

पुलकित =  प्रसनन्ता से भरे  

कनक    = सोना  

कटुक    = कड़वी  

निबौरी  = नील का फल  

कनक-कटोरी = सोने से बना बर्तन  

स्वर्ण       = सोना  

शृंखला    = जंजीरे  

तरु           = पेड़  

फुनगी       = वृक्ष का सबसे ऊपरी भाग  

तारक        = तारे  

सीमाहीन    = असीमित  

खितिज       = जहां धरती और आसमान परस्पर मिलते हुए प्रतीत होते हैं |

होड़ा-होड़ी   = आगे बड़ने की प्रतियोगिता  

Answered by bhatiamona
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हम पंछी उन्मुक्त गगन पाठ  के  शब्दार्थ

यह कविता शिव मंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा लिखी गई है , इस कविता में कवि पक्षियों की आज़ादी की बात कर रहे है | पक्षी अपनी वाणी के माध्यम से वो अपने भाव को प्रकट करते है|  पक्षियों को हमें बंदी नहीं बनाना चाहिए उन्हें आज़ादी में घुमने देना चाहिए |

शब्दार्थ

पंछी-पक्षी  

उन्मुक्त-आज़ाद  

गगन-आकाश  

पिंजरबद्ध  -पिंजरे में बंद  

पुलकित-खुश  

कनक-तीलियाँ -सोने की आरे  

जल- पानी , नीर  

कटुक-कड़वा

निबौरी - एक पात्र  

स्वर्ण- सोना, कनक  

बंधन-गांठ  

गति-वेग  

फुगनी-चोटी

अरमान-इच्छा  

सीमा-सरहद  

तारक-तारे  

अनार-एक फल  

डोरी-धागा  

आकुल-व्याकुल  

नीड़-घोंसला  

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Summary for class 7 hindi chapter 1 (हम पंछी उन्मुक्त गगन पाठ)

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