Hindi, asked by sanyavelani, 9 months ago

Can someone send me the summary of the poem "Bharat mata ka Mandir" by Maithilisharan Gupta?

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Answered by delnadellu007
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Pls mark it as brainliest..... 5star

भारत माता की जय भारतीय स्वाधीनता संग्राम के समय सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला नारा था। भारत भूमि को जीवन का पालन करने वाली माता के रूप में रूपायित कर उसकी मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में उसकी संतानों ने इस नारे का बार बार प्रयोग किया। भारत माता की वंदना करने वाली यह उक्ति हर द्घोष के साथ स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों में नए उत्साह का संचार करती थी। आज भी इस नारे का प्रयोग राष्ट्रप्रेम या राष्ट्र निर्माण से जुड़े अवसरों, कार्यक्रमों एवं आंदोलनों में किया जाता है।

भगत सिंह ने भी आजादी के लिये अंग्रेजो के सामने भरी अदालत में भारत माता की जय कहके अंग्रेजो की निद उडा दी थी मैरा रंगदे बसंती चोला माये रंग दे...कहा ,,,भारतीय सैना का हर जवान युध्द में दुशमनो से लडते समय भारत माता की जय बोलता है जिससे उसका आत्मबल बडता है चाहे वह हिन्दु हो या मुसलमान चाहे वह पंजाबी हो या मद्रासी , सभी अपनी माता की रक्षा के लिये गर्व से कहते है 

भारत को मातृदेवी के रूप में चित्रित करके भारतमाता या 'भारतम्बा' कहा जाता है। भारतमाता को प्राय: केसरिया या नारंगी रंग की साड़ी पहने, हाथ में भगवा ध्वज लिये हुए चित्रित किया जाता है तथा साथ में सिंह होता है।

भारत में भारतमाता के बहुत से मन्दिर हैं। काशी का भारतमाता मन्दिर अत्यन्त प्रसिद्ध है जिसका उद्घाटन सन् १९३६ में स्वयं महात्मा गांधी ने किया था। हरिद्वार का भारतमाता मन्दिर भी बहुत प्रसिद्ध है।

Answered by bhatiamona
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भारत माता का मंदिर यह कविता का सारांश  

भारत माता का मंदिर यह कविता मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई है|  

कविता में कवि ने भारतभूमि को भारत माता का मंदिर को एक पवित्र स्थल बताते हुए उसकी विशेषताओं का वर्णन किया है| कवि कहते है भारत एक ऐसा मंदिर है जिस में समानता की ही चर्चा होती है| यहाँ पर कल्याण की वास्तिविक कामना की जाती है और यहीं और सभी को परम सुख रूपी प्रसाद की प्राप्ति  होती है|

इस मंदिर की यह विशेषता यहाँ पर जाती-धर्म में भेद-भाव नहीं है यानी इस मंदिर से ऐसा कोई किसी वर्ग का है| यहाँ पर समान है| यहाँ पर सब का स्वागत है और सभी को बराबर सम्मान है | अलग-अलग संस्कृतियों का पालन किया जाता है| भारत माता के इस पवित्र सदन में निवास करने वाले सभी लोगों के बीच वास्तविक रिश्ते को उजागर किया है|

यहाँ सब रिश्तों को अहमियत दी जाती है| सब मुसीबत के समय में सब का साथ दिया|  सभी भारतवासी एक माँ की संतानों है और आपस में सभी भाई-बहन के समान है | हमें आपस में मिल-जुलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए| हमारा परम सौभाग्य है जो हमें इस पावन भूमि में जन्म लिया है हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए|  भारत जैसे पवित्र स्थल की जय-जयकार करनी चाहिए|  

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