can you explain the last lines of hte poem juhikikali in hindi
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यदि आप बैंक के मैनेजर से मिलेंगे तो उनसे शिक्षा क्षेत्र के संबंध कौन-कौन से प्रश्न पूछेंगे सूची बनाइए 12345 आपने 5 पॉइंट के अंदर सूची बनाने के जवाब में लेजर से मिलते हो बैंक के तो कौन-कौन से शिक्षा के बारे में कौन-कौन से प्रश्न पूछो कि इसके बारे में आपने लिखना और मुझे भेजना
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विजन-वन-वल्लरी पर
सोती थी सुहागभरी-स्नेह-स्वप्न-मग्न-
अमल-कोमल-तनु-तरुणी-जूही की कली,
दृग बन्द किये, शिथिल-पत्रांक में।
वासन्ती निशा थी;
विरह-विधुर-प्रिया-संग छोड़
किसी दूर देश में था पवन
जिसे कहते हैं मलयानिल।
आई याद बिछुड़ने से मिलन की वह मधुर बात,
आई याद चाँदनी की धुली हुई आधी रात,
आई याद कान्ता की कम्पित कमनीय गात,
फिर क्या? पवन
उपवन-सर-सरित गहन-गिरि-कानन
कुञ्ज-लता-पुंजों को पारकर
पहुँचा जहां उसने की केलि
कली-खिली-साथ।
सोती थी,
जाने कहो कैसे प्रिय-आगमन वह?
नायक ने चूमे कपोल,
बोल उठी वल्लरी की लड़ी जैसे हिंडोल।
इस पर भी जागी नहीं,
चूक-क्षमा मांगी नहीं,
निद्रालस बंकिम विशाल नेत्र मूंदे रही-
किम्वा मतवाली थी यौवन की मदिरा पिये
कौन कहे?
निर्दय उस नायक ने
निपट निठुराई की,
कि झोंकों की झड़ियों से
सुन्दर सुकुमार देह सारी झकझोर डाली,
मसल दिये गोरे कपोल गोल,
चौंक पड़ी युवति-
चकित चितवन निज चारों ओर पेर,
हेर प्यारे की सेज पास,
नम्रमुख हंसी, खिली
खेल रंग प्यारे संग।