Hindi, asked by kumarprateek166, 7 months ago

can you just give me the summary of this chapter in the photo​

Attachments:

Answers

Answered by manjaribijaya49
1

Explanation:

Very nice chapter ...

स्मृति’ कहानी के शीर्षक द्वारा यह स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी लेखक को जीवन भर याद रही। इस कहानी में लेखक और उनके छोटे भाई दोनों ही खेल-कूद में व्यस्त हैं। उन व्यस्तता के क्षणों में ही एक आवाज़ दूर से आती है। एक आदमी ज़ोर से चिल्लाकर लेखक का नाम लेकर पुकारता है और यह संकेत देता है कि बड़े भाई साहब ने उसे बुलाया है। लेखक का हृदय बड़े भाई से पिटने की आशंका से भयभीत हो रहा है। लेखक तुरंत वहाँ से खेल छोड़कर आते हैं और डरते हुए घर में जाते हैं। जब बड़े भाई साहब को लेखक कुछ लिखने में व्यस्त देखते हैं, तब उन्हें तसल्ली होती है कि आज मार खाने की परिस्थिति नहीं बन रही है। लेखक को बड़े भाई से आदेश मिलता है कि ये कुछ चिट्ठियाँ है इनको मक्खनपुर पोस्ट ऑफ़िस में जाकर डाल आना। लेखक तत्क्षण तैयार हो जाते हैं और अपने साथ अपने छोटे भाई को और अपना एक डंडा भी ले लेते हैं। लेखक उस लाठी को नारायण वाहन मानते हैं। आगे जो घटनाक्रम प्रस्तुत है उसमें सचमुच वह लाठी नारायण-वाहन के रूप में सिद्ध होती है।

लेखक काफ़ी तेजी से दौड़ते हुए मक्खनपुर की ओर छोटे भाई के साथ चल पड़ते हैं। दोनों भाई एक ही साँस में गाँव से चार फर्लाग दूर उस कुएँ के पास आ जाते हैं जिसमें एक भयंकर साँप रहता है। वह कुआँ कच्चा है और चौबीस हाथ गहरा है। दोनों भाई उस कुएँ पर पहुँच जाते हैं। बाल-सुलभ कौतुक के चक्कर में फँस कर दोनों भाई कुएँ में साँप का दृश्य देखने के लिए झाँकने लगते हैं। कुएँ झाकने के लिए सिर पर रखी टोपी को बार-बार उतारना पड़ता है जिसमें चिट्ठियाँ सुरक्षित रखी गई

Similar questions