Can you please suggest some kapitya avataran for an essay related to corruption and education?
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भगवान हमें तभी याद आते हैं…. जब कोई मन्नत मांगनी हो
रोज पूजा तो हम….. Cricketers और Film Stars की हीं करते हैं
चढ़ावे मन्दिरों में कम….. अफसरों और नेताओं को ज्यादा चढ़ाते हैं
भैया दहेज देना तो पाप है….. लेकिन दहेज लेना हीं सबसे बड़ा पुण्य है
आतंकवादियों के मानवाधिकारों की चिंता रहती है हमें…………
लेकिन सैनिकों के भी मानवाधिकार होते हैं…… ये अक्सर भूल जाते हैं हम
भैया शादी तो हम दूसरे धर्म वाले से कर सकते हैं………
लेकिन वन्देमातरम बोलने से पहले…. धर्म की आड़ में छिप जाते हैं हम
खुद को देशभक्त कहने में शर्माते हैं हम…. लेकिन खुद को Secular कहकर घमंड से फूल जाते हैं हम
WhatsApp और Facebook पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं हम
जब कुछ करने की आती है बारी……. तो भीड़ में गुम हो जाते हैं हम
व्यक्ति पूजा बड़ी शान से करते हैं हम…… राष्ट्र पूजा को साम्प्रदायिक बताते हैं हम
जन्तर-मन्तर पर दामिनी को न्याय दिलाने के लिए आन्दोलन करते हैं हम
लेकिन बहन-बेटियों को कराटे की शिक्षा देने के बारे में कभी सोच नहीं पाते हैं हम
योग को साम्प्रदायिक बताते हैं हम…… लेकिन भोग को Secular हीं पाते हैं हम
Status और पैसों को हमेशा…… ईमान पर भारी पाते हैं हम
तभी तो……..ऐसे वैसे नहीं Pure भ्रष्टाचारी हैं हम !
– Dhruv Sharma
रोज पूजा तो हम….. Cricketers और Film Stars की हीं करते हैं
चढ़ावे मन्दिरों में कम….. अफसरों और नेताओं को ज्यादा चढ़ाते हैं
भैया दहेज देना तो पाप है….. लेकिन दहेज लेना हीं सबसे बड़ा पुण्य है
आतंकवादियों के मानवाधिकारों की चिंता रहती है हमें…………
लेकिन सैनिकों के भी मानवाधिकार होते हैं…… ये अक्सर भूल जाते हैं हम
भैया शादी तो हम दूसरे धर्म वाले से कर सकते हैं………
लेकिन वन्देमातरम बोलने से पहले…. धर्म की आड़ में छिप जाते हैं हम
खुद को देशभक्त कहने में शर्माते हैं हम…. लेकिन खुद को Secular कहकर घमंड से फूल जाते हैं हम
WhatsApp और Facebook पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं हम
जब कुछ करने की आती है बारी……. तो भीड़ में गुम हो जाते हैं हम
व्यक्ति पूजा बड़ी शान से करते हैं हम…… राष्ट्र पूजा को साम्प्रदायिक बताते हैं हम
जन्तर-मन्तर पर दामिनी को न्याय दिलाने के लिए आन्दोलन करते हैं हम
लेकिन बहन-बेटियों को कराटे की शिक्षा देने के बारे में कभी सोच नहीं पाते हैं हम
योग को साम्प्रदायिक बताते हैं हम…… लेकिन भोग को Secular हीं पाते हैं हम
Status और पैसों को हमेशा…… ईमान पर भारी पाते हैं हम
तभी तो……..ऐसे वैसे नहीं Pure भ्रष्टाचारी हैं हम !
– Dhruv Sharma
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