can you plz give 5 to 6 dohe of kabir das and tulsi das with explaination of each. first who answers i will mark as brainliest
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तुलसीदास के दोहे
1. राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार |
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर ||
अर्थ: तुलसीदासजी कहते हैं कि हे मनुष्य ,यदि तुम और बाहर दोनों ओर उजाला चाहते हो तो मुखरूपी द्वार की जीभरुपी देहलीज़ पर राम-नामरूपी मणिदीप को रखो |
2. नामु राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु |
जो सिमरत भयो भाँग ते तुलसी तुलसीदास ||
अर्थ: राम का नाम कल्पतरु (मनचाहा पदार्थ देनेवाला )और कल्याण का निवास (मुक्ति का घर ) है,जिसको स्मरण करने से भाँग सा (निकृष्ट) तुलसीदास भी तुलसी के समान पवित्र हो गया |
3. तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर |
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि ||
अर्थ: गोस्वामीजी कहते हैं कि सुंदर वेष देखकर न केवल मूर्ख अपितु चतुर मनुष्य भी धोखा खा जाते हैं |सुंदर मोर को ही देख लो उसका वचन तो अमृत के समान है लेकिन आहार साँप का है |
कबीर के दोहे
4. बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
Meaning:
कबीर कहते हैं, कि सिर्फ बड़े होने से कुछ नहीं होता. उदाहरण के लिए खजूर का पेड़, जो इतना बड़ा होता है पर ना तो किसी यात्री को धूप के समय छाया दे सकता है, ना ही उसके फल कोई आसानी से तोड़ के अपनी भूख मिटा सकता है .
5. कबीरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर.
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर.
Meaning:
कबीर कहते हैं की सबके बारे में भला सोचो . ना किसी से ज्यादा दोस्ती रखो और ना ही किसी से दुश्मनी रखो.
6. कहे कबीर कैसे निबाहे , केर बेर को संग
वह झूमत रस आपनी, उसके फाटत अंग .
Meaning:
कबीर कहते हैं कि भिन्न प्रकृति के लोग एक साथ नहीं रह सकते. जैसे केले और बेर का पेड़ साथ साथ नहीं लगा सकते. क्योंकि हवा से बेर का पेड़ हिलेगा और उसके काँटों से केले के पत्ते कट जायेंगे.