Hindi, asked by sagarikaa39, 9 months ago

Can you send me anucched on 'विज्ञान वरदान या अभिशाप'

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Answered by SAKSHI45509
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Answer:

विज्ञान वरदान है या अभिशाप-

वैसे तो विज्ञान बड़ी ही काम की चीज़ है, आज अगर विज्ञान होता तो क्या हम ही मनुष्य चाँद पे कदम रख पाते? अगर विज्ञान न होता तो हम अपने फायदे के लिए कोई भी अच्छी वस्तु बना पाते? इन सभी का आप सब के पा एक ही विकल्प होगा ,'नहीं'यह तो सच है की विज्ञान के बड़े फायदे हैं पर विज्ञान नाम के इस सिक्के का दूसरा पहलू भी है, वह ये की कुछ लोग अपने फायदे के लिए विज्ञान का दुरुपयोग भी करते हैं,जो सिर्फ कुछ लोगोंके लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए हानिकारक साबित हो सकता है एक तरह से विज्ञान का सदुपयोग संपूर्ण मानव जाति का कल्याण, वही विज्ञान का दुरुपयोग संपूर्ण मानव जाति का विनाश तो यह ही सत्य है विज्ञान वरदान और अभिशाप दोनो बन सकता है, सिर्फ उसके उपयोग करने में अंतर है

Answered by jayathakur3939
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                 विज्ञान वरदान या अभिशाप ?

विज्ञान अभिशाप है या वरदान इसका निर्णय हमारे ऊपर निर्भर करता है। यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम वैज्ञानिक आविष्कार का उपयोग लोक कल्याण के लिए करें या उसका दुरुपयोग लोक संहार के लिए करें।

प्रस्तावना : -

वैसे तो आधुनिक युग को विज्ञान युग कहा जाता है। आधुनिक युग और विज्ञान एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं। कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। आविष्कार की जननी आज विज्ञान के रुप में हमारे सामने हैं | शिक्षा, चिकित्सा, मनोरंजन ,संचार परिवहन, आदि सभी क्षेत्रों में हमें विज्ञान का चमत्कार हमे नए आविष्कारों के रूप में दिखाई दे रहा है।  विज्ञान ने हमें अनेक सुख सुविधाएं प्रदान की है किंतु साथ ही विनाश के विभिन्न साधन भी जुटा दिए हैं।

विज्ञान वरदान के रूप  :

आधुनिक विज्ञान ने मानव सेवा के लिए अनेक प्रकार के साधन जुटा दिए हैं। रातों-रात महल खड़ा कर देना, आकाश मार्ग से उड़कर दूसरे स्थान पर चले जाना, शत्रु के नगरों को मिनटों में बर्बाद कर देना विज्ञान के द्वारा संभव ऐसे ही कार्य है।  विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान सिद्ध हुआ है।

चिकित्सा के क्षेत्र में :

चिकित्सा क्षेत्र में भी वैज्ञानिक उपलब्धिया चमत्कारी सिद्ध हो रही है। आधुनिक चिकित्सा इतनी विकसित हो गई है कि अंधे को आंखें और विकलांगों को अंग मिलना अब संभव नहीं लगता। प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा हम अपना रंग रूप बदल सकते हैं। एक्स-रे  द्वारा शरीर के किसी भी अंदरूनी भाग को स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है। चिकित्सा विज्ञान की सहायता से आज गुर्दे व  हृदय प्रत्यारोपण कार्य भी संभव हो गए हैं। सत्य तो यह है कि विज्ञान की सहायता से चिकित्सा क्षेत्र में इतनी उन्नति हो चुकी है कि मैं स्वाभाविक मृत्यु के अतिरिक्त मनुष्य ने सब कुछ वश में कर लिया है।

परिवहन के क्षेत्र में :

यातायात के क्षेत्र में जीवन के चमत्कार अत्यंत चौका देने वाले हैं। तेज़ गति से दौड़ने वाले जलयानों ,मोटर वाहनों , वायुयानों की वर्तमान तीव्र गति देखकर किसे आश्चर्य नहीं होता। आरामदायक वीडियो कोच बसे,  हवा से बातें करती हुई रेलगाड़ियां घंटे का सफर मिनटों में कराने वाले वायुयानों ने दुनिया की दूरी को समय दिया है।

संचार और मनोरंजन के क्षेत्र में :

टेलीफोन तथा इंटरनेट की सुविधा ने सारे संसार को एक घर सा बना दिया है । घर बैठा हुआ व्यक्ति संसार के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से बातचीत कर सकता है। रेडियो और टेलीविजन द्वारा कुछ ही मिनटों में एक समाचार विश्व भर में प्रसारित किया जा सकता है।  मनोरंजन के आधुनिक साधन विज्ञान की ही देन है। मनोरंजन की दुनिया में एक से एक अनुपम साधनों का आविष्कार हो जाने से मनोज घर बैठे ही जीवन के अनेक आनंदों का उपयोग कर सकता है। रेडियो, टीवी, कंप्यूटर जैसे साधन बहुत साधारण लगते हैं। टीवी ने मनोरंजन की दुनिया में महान क्रांति ला दी है।

दैनिक जीवन में :

हमारे दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य विज्ञान पर ही निर्भर हो गया है। बिजली हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गई है | बिजली की सहायता से चलने वाली रेलों तथा वायुयानों  ने मीलों की दूरी को घंटों की दूरी में बदल दिया है। बिजली के पंखे , प्रेस, कुकिंग गैस, स्टोव,  फ्रिज , वाशिंग मशीन, गीजर आदि के निर्माण में मानव जीवन को सुविधापूर्ण जीवन दिया है। इन अविष्कारों से समय , शक्ति व धन की बचत होती है।

विज्ञान: एक अभिशाप के रूप में

विज्ञान का एक दूसरा पहलू भी है। विज्ञान ने मनुष्य के  हाथ में बहुत अधिक शक्ति देती है किंतु उसके प्रयोग पर कोई बंधन नहीं लगाया है। स्वार्थी मानव इस शक्ति का प्रयोग जितना रचनात्मक कार्यों के लिए कर रहा है उससे अधिक प्रयोग विनाशकारी कार्यों के लिए भी कर रहा है। विज्ञान के विकास से भयंकर भी मानव के सामने उपस्थित हो गया है। मानव सभ्यता का संपूर्ण विनाश भी हो सकता है।

सुविधा प्रदान करने वाले उपकरणों ने मनुष्य को आलसी बना दिया है। यंत्रों के अत्यधिक उपयोग ने देश में बेरोजगारी को जन्म दिया है। परमाणु अस्त्रों के परीक्षणों ने मानव को डरा कर रख दिया है। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा नगरों का विनाश विज्ञान की ही देन माना गया है। अब तो उससे भी कई गुना अधिक शक्ति वाले बम तैयार किए जा चुके हैं। परमाणु तथा हाइड्रोजन बम निसंदेह विश्व शांति के लिए खतरा बन गए हैं। इनके  प्रयोग से किसी भी समय संपूर्ण विश्व का नाश करना संभव है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप?

आधुनिक विज्ञान के चमत्कारी अविष्कार अपने अंदर निर्माण व विध्वंस दोनों ही प्रकार की शक्तियां संजोए हुए हैं। वैज्ञानिक आविष्कार और उसकी शक्ति हमारे लिए कल्याणकारी है तो दूसरी और विनाश का कारण भी। विज्ञान तो एक शक्ति है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों तरह के कामो के लिए किया जा सकता है। यदि मनुष्य विचारशील और विवेकशील होकर विज्ञान के चमत्कारों का प्रयोग करेगा तो यह संसार सुख और समृद्धि की राह  पर आसानी से बढ़ सकेगा।

उपसंहार :

विज्ञान अभिशाप है या वरदान इसका निर्णय हमारे ऊपर निर्भर करता है। यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम वैज्ञानिक आविष्कार का उपयोग लोक कल्याण के लिए करें या उसका दुरुपयोग लोक संहार के लिए करें।

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