Hindi, asked by Mahidhar, 1 year ago

can you write a hindi poem based on the following words        varsha , baadal . nadi, sagar, chaand            please help me

Answers

Answered by Anonymous
3
कल कल करती नदी की धारा.
बही जा रही बढ़ी जा रही.

प्रगति पथ पर चढ़ी जा रही.
सबको जल ये दिये जा रही.

पथ न कोई रोक सके.
और न कोई टोक सके.

चट्टानों से टकराती है,
तूफानों से भीड़ जाती है.

रूकना इसे कब भाता है.
थकना इसे नहीं आता है.

सोद्देश्य स्व-पथ पर पल पल 
बस आगे बढ़ती जाती है.

कल -कल करती जल की धारा.
जौहर अपना दिखलाती है

Anonymous: if it helped u mark as the best
Mahidhar: how to do that/
Anonymous: under my answer there is written that mark as the best click it
Anonymous: please
Mahidhar: i didn't find it
Mahidhar: there is thank you option and rating
Anonymous: no there is find it u will get it
Anonymous: please
Answered by pavanreddyjimmy
2
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,
आदमी भी क्या अनोखा जीव है ।
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है ।
जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ?
मैं चुका हूँ देख मनु को जनमते-मरते ।
और लाखों बार तुझ-से पागलों को भी
चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते।
आदमी का स्वप्न? है वह बुलबुला जल का
आज उठता और कल फिर फूट जाता है ।
किन्तु, फिर भी धन्य ठहरा आदमी ही तो
बुलबुलों से खेलता, कविता बनाता है ।
मैं न बोला किन्तु मेरी रागिनी बोली,
देख फिर से चाँद! मुझको जानता है तू?
स्वप्न मेरे बुलबुले हैं? है यही पानी,
आग को भी क्या नहीं पहचानता है तू?
मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते,
आग में उसको गला लोहा बनाता हूँ ।
और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की,
इस तरह दीवार फौलादी उठाता हूँ ।
मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने, जिसकी
कल्पना की जीभ में भी धार होती है ।
वाण ही होते विचारों के नहीं केवल,
स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है।
स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दे
रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं वे ।
रोकिये, जैसे बने इन स्वप्नवालों को,
स्वर्ग की ही ओर बढ़ते आ रहे हैं वे।
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