captain Haldar sahab ke liye Daya ka Patra kyu tha
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Jb haldar sahab ne dekha ki neta ji ke murti pe ek sarkande ka chashma laga hua h tb unhone socha ki abhi bhi is dekh me deshbhakti ki bhawana h aur wah langda hone ke wawjud bhi apne desh ke bare me sochta tha aur uske man me desh ke prati bhawana kisi senani se kam ni thi.
isiliye haldar sahab captain ko daya ki parta se dekhte the..
isiliye haldar sahab captain ko daya ki parta se dekhte the..
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प्रशन :- कैप्टन हलदार साहब के लिए दया का पात्र क्यूँ था ?
उत्तर :- 'नेताजी का चश्मा' पाठ में हलदार साहब के लिए कैप्टन दया का पात्र था क्यूंकि वह कोई सेनानी नहीं, एक साधारण चश्मे बेचने वाला लंगड़ा व्यक्ति है, जिसके मन में देश पर कुर्बान हुए शहीदों, नेताओं के प्रति विशिष्ट सम्मान का भाव है।कैप्टन एक ऐसा इंसान है जिसमें देश-भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रति उसके मन में अपार श्रद्धा थी तभी वह चश्मा विहीन नेताजी की मूर्ति को देखकर आहत था इसीलिए वह रोज़ एक नया चश्मा नेताजी की मूर्ति पर लगा दिया करता था। अपने देश के प्रति त्याग और समर्पण की भावना में वह किसी कैप्टन या सेनानी से कम नहीं था। उसका यह कार्य उसके हृदय में देशभक्ति का सबसे बड़ा प्रमाण था।
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