चर्चा कीजिए कि आजकल अलग-अलग विषयों में परस्पर लेन-देन कितना ज्यादा है।
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Answer with Explanation:
अगर हम ध्यान से देखें तो हमें पता चलता है कि सभी विषयों में परस्पर लेन-देन बहुत अधिक है । आजकल के जटिल समाज में सभी विषय इतने अधिक विस्तृत हो गए हैं कि इन्होंने दूसरे विषयों के संकल्प उधार लेने शुरू कर दिए हैं। सभी विषय एक दूसरे से इतने अंतर संबंधित हो गए हैं कि उनको एक दूसरे से अलग करना लगभग नामुमकिन हो गया है । उदाहरण के लिए अगर अर्थशास्त्र को श्रम विभाजन, बेरोज़गारी, पूंजीवाद इत्यादि जैसे विषयों का अध्ययन करना है तो उसे उनके सामाजिक कारणों का पता करना पड़ेगा यह समाजशास्त्र कार्य हैं। इसी प्रकार अलग-अलग सामाजिक विज्ञान समाजशास्त्र से सहायता लेते हैं तथा यह भी उन्हें सहायता देता है । इस कारण ही इनमें अलग-अलग विषयों से संबंधित शाखाएं भी खुल गई है जैसे कि ऐतिहासिक समाजशास्त्र , राजनीतिक अर्थशास्त्र इत्यादि । इस प्रकार सभी विषयों में परस्पर लेन-देन काफी अधिक है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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