Hindi, asked by sanvisanya1234, 7 months ago

चरित्र निर्माण के ना शिक्षा अधूरी
त बिंदु:
चरित्र निर्माण का तात्पर्य
चरित्र सबसे बड़ी पूँजी
शिक्षा का उद्देश्य

Answers

Answered by ayushraj682
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Answer:

चरित्र निर्माण के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि टीडी कालेज राजनीतिशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ.राजीव कुमार ने कही। वह स्वामी विवेकानंद की जयंती पर गुरुवार को सरस्वती शिशु-विद्या मंदिर जगदीशपुर में आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माता-पिता, परिवार व विद्यालय की जैसी संस्कृति होती है, बालक का चरित्र भी वैसा ही बन जाता है। गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक दिनेश सिंह ने पूर्व छात्र सम्मेलन की उपादेयता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ.राजीव कुमार, विशिष्ट अतिथि विद्या भारती पूर्वी उप्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री योगेश जी, विजय बहादुर सिंह, दिनेश सिंह व प्रेमधर जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर के प्रधानाचार्य विजय शंकर पांडेय, बजरंग जी, विमलेश जी, अतुल जी आदि मौजूद रहे। संचालन विनीता पांडेय ने किया। आभार मृत्युंजय पांडेय ने व्यक्त किये। सरस्वती वंदना के पश्चात अतिथि परिचय बाल गोविन्द भारती विद्यालय के पूर्व छात्र रितेश

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