Psychology, asked by deepakkumar0992564, 1 month ago

चरित्र निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है ?​

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Answered by chiragvishwakarma200
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Answer:

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण है। चरित्र निर्माण के लिए शिक्षा का मूल्य प्रधान होना जरूरी है। मूल्य प्रधान शिक्षा ही व्यक्ति को मानवीय गुणों का आभास कराती है। छात्र-छात्राओं में मानवीय मूल्यों एवं सहिष्णुता का तब ही विकास संभव है, जब शिक्षक की भूमिका राष्ट्र के प्रति समर्पित होगी।

Answered by NirmalPandya
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स्कूलों में बुनियादी शिक्षा चरित्र निर्माण का प्राथमिक साधन है। कई अध्ययनों से पता चला है कि कैसे चरित्र निर्माण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य होता है।

  • नेल्सन मंडेला ने कहा, "शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।" अच्छे ग्रेड वाले छात्रों को फलदायी जीवन जीने में मदद करना ही काफी नहीं है। इसलिए छात्रों को नैतिकता, नैतिकता और सॉफ्ट स्किल के साथ तैयार करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • चरित्र निर्माण छह स्तंभों पर आधारित है - विश्वसनीयता, सम्मान, जिम्मेदारी, निष्पक्षता, देखभाल और नागरिकता और इन सभी को पर्याप्त शिक्षा के माध्यम से ही एक बच्चे में भरा जा सकता है।
  • स्कूल में बच्चे को सफलता और असफलता, अच्छे संस्कार और बुरी आदतें, दोस्ती और प्रतिस्पर्धा, करुणा और देखभाल, ईर्ष्या और अहंकार का पहला स्वाद मिलता है।
  • बच्चा धीरे-धीरे एक मानसिक मैनुअल विकसित करता है कि क्या करना है और क्या नहीं, क्या स्वीकार करना है और क्या ग्रहण करना है और क्या अस्वीकार करना है और कैसे और कब प्रतिक्रिया करना है और ये उसके लिए जीवन भर के सबक हैं।

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