चरि त्रवान व्यक्ति आत्मा को धोखा नहींदे सकता, वह आत्मवचं ना नहींकरेगा । वह अपने कर्तव्य के प्रति पूर्णतः सच्चा
ईमानदार होता है। इसलि ए वह दसू रों के प्रति भी सच्चा होता है। बड़े-बड़े कारखाने और धधं े अपनी साख पर चलते हैं और
साख इसी बात पर नि र्भर है कि कारखानों या धधं ों के स्वामी तथा कार्यकर्ता कि तने सच्चे हैं , उनके आचरण में कि तनी
ईमानदारी है। प्रायः लोग समझते हैं कि व्यवसाय -व्यापार के लि ए असत्याचरण आवश्यक है। यह अत्यतं भ्रामक धारणा है।
पुराने ढंग की वि भि न्न दकु ानों एवंव्यवसायों में दि न में सैकड़ों का माल आता- जाता है, इनकी कोई लि खा- पढ़ी नहींहोती
है। के वल भेजने वाली दकु ानें एक कागज पर नोट करती हैं और संध्या समय या नि यत अवधि के पश्चात रुपए मंँगवा लेती हैं
।न रसीद ,न स्टांप और लाखों का व्यापार होता है ।प्रत्येक व्यवसाय के मूल में प्रवेश करके देखने से पता चलता है कि
उसकी सफलता का रहस्य दढ़ृ ता और ईमानदारी है।
उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर नि म्न प्रश्नों का उचि त उत्तर दि ए गए वि कल्पों से चुनकर लि खि ए-
A. कारखाने और धधं े कि स पर नि र्भर करते है ?
a. इनकी साख पर
b. इनकी वि शालता पर
c. इनकी आर्थि क स्थि ति पर
d. उनकी रसीद पर
B. ईमानदारी में मूल शब्द ईमानदार है , इस मूल शब्द में नि म्न को जोड़कर ईमानदारी शब्द बना है-
a. री उपसर्ग
b. री प्रत्यय
c. ई उपसर्ग
d. ई प्रत्यय
C.गद्यांश के अनुसार कौन कि सको धोखा नहींदे सकता-
a. कर्मचारी , मालि क को
b. आत्मा , चरि त्रवान व्यक्ति को
c. चरि त्रवान व्यक्ति , आत्मा को
d. मालि क , कर्मचारी को
D. पुराने ढंग के वि भि न्न दकु ानें माल मंगवाने के लि ए नि म्न का प्रयोग करते थे-
a. रसीद
b. कागज पर लि खा नोट
c. स्टांप पेपर
d. इनमें से कोई नहीं
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इनमें से कोई नहीं is answer
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