चरमोत्कर्ष किसे कहते हैं कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण किस प्रकार करना चाहिए और क्यों
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उत्तर:जब किसी कहानी की घटनाये ऐक ऐक कर के उत्सुकता की चोटी पर पहुंच जाती हैं , जो भाव या 'रस' कथाकार चित्रित करना चाहता है जैसे वीर रस, करुण रस, हास्य रस, भय, रहस्य इत्यादी जो भी अभिष्ठ हो अपने चर्म स्थान पर पहुंच जाये उसे चरमोत्कर्ष कहते हैं तो वहां से वह कहानी को उल्टि दिशा में लेचलता है
व्याख्या:
इसे सुनें
कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण, अत्यंत सावधानीपूर्वक करना चाहिए शतर जब कहानी पढ़ते-पढ़ते पाठक कौतूहल (जिज्ञासा) की पराकाष्ठा पर, पहुँच जाए, तब उसे कहानी का चरमोत्कर्ष या चरम स्थिति कहते हैं ।, कथानक के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष (क्लाइमेक्स) की ओर बढ़ती, है।
निष्कर्ष:कथा के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ती है। सर्वोत्तम यह है कि चरमोत्कर्ष पाठक को स्वयं सोचने के लिए प्रेरित करें तथा उसे लगे कि उसे स्वतंत्रता दी गई है। उसने जो निष्कर्ष निकाले हैं वह उसके सामने है।
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कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण, अत्यंत सावधानीपूर्वक करना चाहिए शतर जब कहानी पढ़ते-पढ़ते पाठक कौतूहल (जिज्ञासा) की पराकाष्ठा पर, पहुँच जाए, तब उसे कहानी का चरमोत्कर्ष या चरम स्थिति कहते हैं ।, कथानक के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष (क्लाइमेक्स) की ओर बढ़ती, है।
निष्कर्ष:कथा के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ती है। सर्वोत्तम यह है कि चरमोत्कर्ष पाठक को स्वयं सोचने के लिए प्रेरित करें तथा उसे लगे कि उसे स्वतंत्रता दी गई है। उसने जो निष्कर्ष निकाले हैं वह उसके सामने है।
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