India Languages, asked by vaibhavihalloli, 1 month ago

चरण वंदना????????????????????????????????????????????

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Answered by tanshi09
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माता-पिता तथा प्रभु की चरण वंदना करके शुरू किए काम में हमेशा सफलता मिलती है। विनम्रता से ईश्वर की प्राप्ति होती है। 84 लाख यौनियों के बाद मानव जीवन मिलता है। यह बात पंडित लक्षानंद महाराज ने हरवार में मांगीलाल जाट के नोहरे में सात दिनी भागवत कथा में बुधवार को कही। उन्होंने कहा कि भागवत श्रवण करने से इंसान कल्याण होता है। गो सेवा के लिए पीछे नहीं हटना चाहिए। दान पुण्य कर धर्म लाभ कमाना चाहिए। महाराज श्री ने कथा के दौरान संगीतमय भजन सुनाए। इस पर उपस्थित श्रद्धालु नृत्य करने को मजबूर हो गए। कथा में गोपी-कृष्ण संवाद, जरासंद, दशक स्कंध का ईक्यानवा अध्याय राजा रुक्मिणी, शिशुपाल, द्वारका, विश्वकर्मा एवं गंगा के प्रसंग सुनाए। कृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर पंडाल जयकारों से गूंज उठा। कृष्ण-रुक्मिणी, अंबे माता व गोपियों की झांकी बालिकाओं ने प्रस्तुत की। श्रीकृष्ण मंजू जाट, रुक्मिणि पिंकी जाट, अंबे माता चिंकी जाट एवं सखियों ने प्रस्तुत दी। कथा राेज सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक हो रही है।

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