‘चतुरंग दल’ से सेनापति का क्या तात्पर्य है?
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चतुरंग दल’ से सेनापति का अर्थ है , चार अंगों से युक्त सेना से है | यह चार अंग है , सवार , घुड़सवार , रथ सवार और पैदल सैनिक |
कवि ने वसंत ऋतु से भरे वनों और उपवनों में स्थित वृक्षों को ऋतुराज वसंत को सेना बताया है , जो ऋतुओं के राजा वसंत को आगमन की सूचना देता है |
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चार अंगों से युक्त सेना
Explanation:
- यदि हम दिए गए शब्द चतुरंग दल का शब्द विभाजन करे तो हम पाएंगे इसका अर्थ है चार अंगों से युक्त सेना ।
- किसी भी सेना के चार अंग घुड़सवार, पैदल सैनिक, सवार और रथ सवार होते हैं ।
- इस शब्द से कवि का तात्पर्य वसंत ऋतू में फूलों से भरे वनो और उपवनो में मौजूद वृक्षों को वसंत ऋतू की चतुरंगिणी सेना बताया है ।
- इस शब्द का उपयोग कवि ने वसंत ऋतू जिसे ऋतुओं का राजा माना जाता है की सुचना देने के लिए किया है।
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