चतुर लोमड़ी अयवा लालची कुत्ता विषय पर कहानी लिखिये ?
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इस कहानी का मुख्य किरदार एक लालची कुत्ता है। एक गांव में एक कुत्ता रहता था, जो कि बहुत लालची था। उसके इस लालच से गांव के बाकी सभी कुत्ते और अन्य पशु परिचित थे। उसकी इस बुरी आदत के कारण कोई भी जानवर उससे दोस्ती नहीं करना चाहता था। बाकी के सारे कुत्ते एक दूसरे के साथ मिल बांट कर खाते थे, पर यह कुत्ता अपने लालच के कारण हमेशा सबसे अलग रहता था और खाने-पीने की हर चीज का मजा अकेले ही लिया करता था। इस कारण उसके पुराने दोस्त भी उसके दुश्मन बन गए थे।
इसी तरह दिन बीतते जा रहे थे, कि एक दिन इस कुत्ते को गांव में कहीं से एक हड्डी मिल गई। हड्डी को देखकर वह बहुत खुश हो गया और उसे दांतों में दबाकर जंगल की ओर जाने लगा। वह जंगल में जाकर अकेले ही पूरी हड्डी का मजा लेना चाहता था। वह हड्डी के मीठे-मीठे सपने बुनते हुए जा रहा था। रास्ते में एक नदी थी, जिसके ऊपर एक पुल बना हुआ था। उसे यह पुल पार करके जंगल की ओर जाना था। वह आगे बढ़ा और पुल पार करने लगा, कि तभी उसे नदी के पानी में अपनी परछाई नजर आई। उसे पता नहीं था, कि यह उसकी खुद की ही परछाई है। उसे लगा कि पानी में कोई दूसरा कुत्ता है और उसके मुंह में भी बिल्कुल वैसी ही एक हड्डी है, जैसी कि उसके पास है।,
यह देखकर उसके मन का लालच सर उठाने लगा। उसके मन में आया, कि “क्यों ना इस दूसरे कुत्ते की हड्डी भी मैं छीन लूँ, और जंगल में जाकर दो दो हड्डियों का मजा लूँ।” इस विचार की कल्पना से ही उसका मन गदगद हो उठा। उसने इस विचार को सच करने की सोची। वह दूसरे कुत्ते की हड्डी छीनने के लिए उतावला हो गया। उसने अपनी परछाईं की ओर देखा और दूसरे कुत्ते पर भौंकने के लिए जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, कि उसके मुंह की हड्डी पानी में गिर गई। हड्डी को पानी में गिरता देख कुत्ते का सपना चूर-चूर हो गया और वह हड्डी की याद में सिर्फ अपनी लार टपकाता रह गया। अब उसके पास पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचा था। अब उसे समझ आ चुका था, कि लालच से किसी का भला नहीं होता। लालच का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है। उसे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आया। वह अपने पुराने दोस्तों के पास गया और उनसे बुरा बर्ताव करने के लिए माफी मांगी और उसने अपने आप से एक वादा किया, कि अब वह कभी भी लालच नहीं करेगा।
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