चयुईगगन कैसे बनता है हिंदी में आंसर चाहिए
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चिंगम बनाने के लिए निम्न लिखित चीजों का प्रयोग किया जाता है।
गम बेस के अंदर तीन प्रमुख घटकों को शामिल किया जाता है।जिसमे राल, मोम और इलास्टोमेर। राल (पूर्व टेरपीन) मुख्य चबाने योग्य भाग है। मोम गोंद को नरम करता है। इलास्टोमर्स लचीलापन जोड़ते हैं।
चिंगम के अंदर आर्टिफिसियल मिठास पैदा करने के लिए , डेक्सट्रोज़, ग्लूकोज या मकई का सिरप, एरिथ्रिटोल, आइसोमाल्ट, ज़ाइलिटोल, माल्टिटोल, मैनिटोल, सोर्बिटोल, लैक्टिटोल का यूज किया जाता है।
ग्लिसरीन का प्रयोग चिंगम को नम बनाए रखने के लिए होता है।
सॉफ़्नर / Plasticizer लचीलेपन को बनाए रखने के लिए व गोंद को नरम करना और भंगुरता को कम करने के लिए सॉफ़्नर / Plasticizer का यूज किया जाता है। इसके लिए निम्न चीजों को मिलाया जा सकता है।लेसितिण, हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल, ग्लिसरॉल एस्टर, लैनोलिन, मिथाइल एस्टर, पेंटाएरीथ्रिटोल एस्टर, राइस ब्रान मोम, स्टीयरिक एसिड, सोडियम और पोटेशियम स्टीयरेट्स।
स्वाद के लिए चिंगम मे कई चीजों को मिलाया जा सकता है। जैसे पुदीना और भाला सबसे लोकप्रिय स्वाद हैं। खट्टे स्वाद के लिए यानी साइट्रिक, टार्टरिक, मैलिक, लैक्टिक, और फ्यूमरिक एसिड का यूज किया जाता है।
पॉलोल कोटिंग वह पदार्थ होता है जोकि चिंगम को अधिक कठोर बनाए रखने का काम करता है। ताकि पदार्थ की गुणवकता को बनाए रखा जा सके । इसके लिए सोर्बिटोल,
Maltitol / Isomalt ,mannitol ,स्टार्च जैसी चीजों का प्रयोग किया जाता है।
- सबसे पहले गम बेस तैयार किया जाता है। उसके बाद यदि गम प्राकृतिक है तो इसको संसाधित किया जाता है। इसके लिए उसे शुद्व किया जाता है। गोंद को गर्म कमरे के अंदर रखा जाता है। इसमे दो दिन लगते हैं। उसके बाद उसे पिघलाया जाता है।
- अवांछनीय गंदगी और छाल के गम आधार को हटाने के लिए एक उच्च-संचालित अपकेंद्रित्र में पंप किया होता है।
- गोंद को पकाया जाता है और उसके अंदर मिठास मिलाया जाता है।
- एक्सट्रूडर (मशीनों) का उपयोग मिश्रण, चिकना और गोंद बनाने के लिए होता है।
- एक काटने की मशीन सीट को छोटे छोटे भागों मे काटती है। और बाद मे कैंडी लेपित किया जाता है।
- उसके बाद गम को मसीनों के माध्यम से पैक कर दिया जाता है।