Hindi, asked by desniyaJoa, 1 year ago

CBSE Expression Series essay on "Dr. A.P.J.Abdul Kalam: the father of India’s Missile Programme" in Hindi

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Answered by kvnmurty
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    डाक्टर कलाम ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान का चालक बनाना चाहा।  लेकिन प्रवेश परीक्षा में सफल नहीं हुए और पढ़ाई जारी रखकर एक भौतिकशास्त्र के वैज्ञानिक बने।  कलाम ने डी. आर. डी. ओ. का  एरोनाटिकल डेव्लपमेंट संस्था में दाखिल हुए ।  उनहों ने एक होवार क्राफ्ट का योजना (अभिकल्प) किया।  फिर उनहों ने विक्रम साराभाई के नेतृत्व में अन्तरिक्ष के योजनाओ की समिती के साथ काम किया।

 
   उनहों ने डी. आर. डी. ओ. के रॉकेट के एक परियोजना पर काम किया। उनहों ने आई. एस. आर. ओ. के कामों (परियोजनाओं) में भी भाग लिया।  1969 में रोकेट परियोजना को सम्मति मिली रक्षण मंत्रालय से।  उनहों ने वह परियोजना के दल का विस्तार क्या।  उनहों ने इसी दौरान अमेरिका में एन. ए. एस. ए.  में बहुत बार गए शास्त्रीय और तकनीकी मामलों के बारे में बात बैठक करने।

      उनहों ने 1970 में आई. एस. आर. ओ. के  दो परियोजनाएं “डेविल” और “वालिएंट” का निर्देशन किया।  वे प्रक्षेपक अस्त्र (प्राक्षेनास्त्र) के बारे में थे। इनके लिए जो तकनीकी ज्ञान चाहिए थी वह तो आई. एस. आर. ओ. के एस. एल. वी. (अन्तरिक्ष प्रमोचन वाहन) के परियोजना में उपलब्द थी।  श्रीमती इन्दिरा गांधी जी ने अपनी सम्मति दी। और उन्हें एक ऊंचे स्तर का वांतरिक्ष परियोजना का  निर्देशक बनाया।

 
    वे एक अच्छे परामर्शदाता (मेंटर) और प्रबन्धक थे । शायद खुद शोधना या कार्य नहीं कर पाते थे लेकिन अपने दल के इंजनियारों को बहुत प्रोत्साहन देते थे और अच्छा प्रतिनिधित्व करते थे।  उनके दल को और उन्हें 1980-90 में बहुत ईनाम मिले और नाम भी मशहूर हुआ।

     फिर उन्हें आग्रिम प्राक्षेपणास्त्र का परियोजना मिला निर्देशक के रूप में।  और एक ही वक्त में अनेक तरह के प्राक्षेपणास्त्र बनाने के बहुत परियोजनाएं मिले।  एकीकृत निर्देशित प्राक्षेपणास्त्र का शुरुवाद हुआ।  उसे रक्षण मंत्री आर. वेंकटरामन ने उन्हें खुद अनुमोदन दिया।  उनके वृद्धि विकास का पर्यवेक्षण उन्हों ने  किया । उनमें शामिल हैं अग्नि, पृथ्वी, आकाश, और  नाग।  अग्नि है मध्यम सामर्थ्य के प्राक्षेपणास्त्र ।  पृथ्वी है  भूमी के ऊपर से भूमि के ऊपर का एक निशाना लगाने वाला प्राक्षेपणास्त्र।  आकाश है मध्यम सामर्थ्य के भूमि पर से आकाश में जा कर  विमान इत्यादि निशाने पर प्रहार करने  वाला। और नाग है मिलिटेरी टाँक पर प्रहार करनेवाला ।

     उनहों ने प्राक्षेपणास्त्र बनाने के प्रक्रिया में अनेक संस्थाओं से अच्छे संबंध रखे।  डी.आर.डी.ओ. और मिलिटेरी कारखाने इस प्रक्रिया में शामिल थे।  यह परियोजना 2008 में सम्पन्न हुआ।  इस पूरे कार्यक्रम में उन्हें बहुत प्रकार के प्रतिबंध उत्पन्न हुए।

     डाक्टर कलाम भारत देश में प्राक्षेपणात्र बनाने में अपना जीवन पूरा बिताया।  यही एक आदमी थे इस के पहले प्राक्षेपणास्त्र भारत देश में नहीं थे।  इसी लिए उन्हें मिस्सैल मान” कहते हैं। और बाद में कलाम जी  प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बनें 1992 में ।  वे बाद में  हिंदुस्तान के राष्ट्रपति बने।  उनको यह सब करने के दौरान बहुत विश्वविद्यालयों ने गौरवप्रद पी. एच. डी. भी प्रदान किए। उन्हें उनकी देश भक्ती के लिए “भारत रत्न” का पुरस्कार भी मिला।

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